श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्थाएं कार्यवाहक अधिकारियों के भरोसे चल रही हैं. बीते लंबे समय से विश्वविद्यालय में वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक से लेकर ग्रुप A के 10 से अधिक पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई है. इसी बीच कुलसचिव डॉ. धीरज कुमार को उनके पद से कार्य मुक्त किए जाने के बाद से कुलसचिव के पद पर भी अस्थायी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा विवि में विभिन्न संवर्ग के 50 से अधिक पद भी रिक्त चल रहे हैं, जिससे कहीं न कहीं विश्वविद्यालय की कार्य व्यवस्था प्रभावी हो रही है.
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीते एक साल से कई उच्च प्रशासनिक पद रिक्त चल रहे हैं. बीते 31 मई को विश्वविद्यालय के स्थाई कुलसचिव डॉ. धीरज कुमार को कार्यमुक्त करने के बाद कुलसचिव का पद भी खाली हो गया है. व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय ने प्रो. एनएस पंवार को स्थायी नियुक्ति नहीं होने तक कार्यकारी कुलसचिव की जिम्मेदारी सौंपी है. उनके पास वर्तमान में कार्यवाहक वित्त अधिकारी का कार्यभार भी है. इसके अलावा पिछले 6 महीने से वित्त अधिकारी, फरवरी माह से परीक्षा नियंत्रक का पद खाली है. वहीं तीन माह पूर्व लाइब्रेरियन मदन सिंह राणा के आकस्मिक निधन के बाद यह पद भी रिक्त चल रहा है.
गढ़वाल विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल का कहना है कि कार्यवाहक अधिकारी विश्वविद्यालय को चला रहे हैं. जबकि विश्वविद्यालय को स्थायी नियुक्ति की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर आचार संहिता खत्म होने के बाद आंदोलन किया जाएगा. अस्थाई व्यवस्था के कारण छात्रों की परीक्षा से लेकर तमाम कार्यों पर रुकावट आती है.
क्या कहते हैं अधिकारी: गढ़वाल विवि के उप कुलसचिव नियुक्ति प्रकोष्ठ डॉ. संजय ध्यानी का कहना है कि वर्तमान में आचार संहिता से पूर्व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को रिक्त पदों का अधियाचन भेजा गया है. आचार संहिता समाप्त होने के बाद नियुक्तियों की कार्रवाई शुरू होगी, जो पद एनटीए के माध्यम से नहीं भरे जाएंगे, उन्हें विवि स्तर पर नियुक्ति प्रकोष्ठ के माध्यम से भरा जाएगा.
ये भी पढ़ेंः गढ़वाल विवि में पीएचडी में 31 मई तक होगी प्रवेश प्रक्रिया, इंटरव्यू के बाद मेरिट के आधार पर होंगे एडमिशन