गढ़वा: हाथी, भालू के बाद अब बाघ को विचरण करते रमकंडा और भंडरिया के जंगलों में कुछ ग्रामीणों ने देखा है. बेहराखांड में बाघ ने एक पशु को अपना निवाला बनाया है. वन विभाग ने ग्रामीणों से जंगल में नहीं जाने की अपील की है. वन विभाग बाघ को ट्रैस करने में जुटा है.
गढ़वा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र के पांचों प्रखंडों में हाथी और भालू के आतंक के बाद अब टाइगर ने दस्तक दे दी है. बड़गड़ थाना क्षेत्र के बहेराखांड में पिछले दिनों एक गाय का शिकार करने के बाद बाघ के भंडरिया क्षेत्र के जंगलों में होकर कोयल नदी पार कर पलामू टाइगर रिजर्व एरिया में पहुंचने की संभावना है. हालांकि स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार बीती रात बाघ को भंडरिया थाना क्षेत्र के कुरुन के जंगलों के देखा गया है. इस तरह हाथी और भालू के आतंक से परेशान रमकंडा, भंडरिया व बड़गड़ क्षेत्र के जंगलों में बाघ के आने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है.
जानकारी के अनुसार 13 नवंबर की रात बाघ ने बहेराखांड निवासी शिवकुमार सिंह की एक गाय का शिकार किया. सुबह जंगल में मवेशी चराने गए ग्रामीणों ने जब गाय के क्षत विक्षत शव को देखा, तो इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई. जिसके बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधिकारियों ने इसकी जांच की. जिसमें बाघ द्वारा गाय का शिकार किए जाने की पुष्टि हुई है. बाघ के हमले की पुष्टि होने के बाद गढ़वा डीएफओ इबिन बेनी अब्राहम के निर्देश पर तत्काल पांच हजार मुआवजा पीड़ित को उपलब्ध कराया गया.
लगातार हाथियों के आतंक के बाद भालू द्वारा जानलेवा हमले की घटना से लोग दहशत में है. वहीं अब बाघ के आने की सूचना के बाद क्षेत्र में दहशत फैल चुकी है. हालांकि बाघ के आदमखोर नहीं होने से वन विभाग भी राहत की सांस ले रहा है. वहीं लोगों को बाघ से बचाने के लिए वन विभाग ने भंडरिया क्षेत्र के विभिन्न गांवों में लाउडस्पीकर से प्रचार प्रसार किया और लोगों को सावधानी बरतने की अपील करते हुए जंगलों में जाने से बचने की सलाह दी है.
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