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मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की मनमानी रिपोर्ट देने वाले एसडीएम श्रावस्ती सस्पेंड, होगी विभागीय जांच - SDM Shravasti suspended

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के मामले में विरोधीभासी रिपोर्ट लगाने के आरोपी एसडीएम श्रावस्ती PCS अरुण कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ वास्तविक दंड प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

एसडीएम श्रावस्ती अरुण कुमार सिंह.
एसडीएम श्रावस्ती अरुण कुमार सिंह. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 10:43 PM IST

लखनऊ : PCS अरुण कुमार सिंह (SDM श्रावस्ती) सस्पेंड किया गया है. मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के जरिए बीमारी का इलाज और अन्य तरह की मदद की जाती है. ऐसे ही एक मामले में उन्होंने एक आवेदक की दो-दो रिपोर्ट लगा दी. दोनों ही एक दूसरे के विरोधाभासी थी. इस मामले का संज्ञान लेने के बाद उत्तर प्रदेश नियुक्ति विभाग की ओर से उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है.


नियुक्ति विभाग के सूत्रों के अनुसार पीसीएस अरुण कुमार पर आरोप है कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की रिपोर्ट को मनमाने ढंग से भेजी गई थी. विवेकाधीन कोष के जरिए गरीबों की मदद की जाती है. एक ही प्रकरण में दो प्रकार की रिपोर्ट लगाना दोनों रिपोर्टों का एक दूसरे से विरोधाभाषी होना पाया गया है. जिसको लेकर शासन स्तर तक शिकायत की गई. प्रथमदृश्ट्या पीसीएस अधिकारी को इस पूरे मामले में जिम्मेदार माना गया है.

लोकसभा चुनाव के बाद अरुण कुमार पांचवें उप जिलाधिकारी हैं, जिनको निलंबित किया गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों की सुनवाई न होने के चलते भाजपा का खराब प्रदर्शन होने के मामले सामने आए थे. इस वजह से लगातार पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी को लेकर अरुण कुमार सिंह पर भी गाज गिरी है. उनके खिलाफ जांच का आगाज हो गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ वास्तविक दंड प्रक्रिया शुरू की जाएगी.


यह भी पढ़ें : UPSSSC अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने मुख्यमंत्री को भेजा त्यागपत्र; रिटायर्ड IAS का दिसंबर 2024 तक था कार्यकाल - UP IAS Resigns

यह भी पढ़ें : वाराणसी में PCS अधिकारी से मांगी 35 लाख रुपये रंगदारी; पहले भी हुई थी 10 लाख की डिमांड, FIR दर्ज - Varanasi News

लखनऊ : PCS अरुण कुमार सिंह (SDM श्रावस्ती) सस्पेंड किया गया है. मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के जरिए बीमारी का इलाज और अन्य तरह की मदद की जाती है. ऐसे ही एक मामले में उन्होंने एक आवेदक की दो-दो रिपोर्ट लगा दी. दोनों ही एक दूसरे के विरोधाभासी थी. इस मामले का संज्ञान लेने के बाद उत्तर प्रदेश नियुक्ति विभाग की ओर से उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है.


नियुक्ति विभाग के सूत्रों के अनुसार पीसीएस अरुण कुमार पर आरोप है कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की रिपोर्ट को मनमाने ढंग से भेजी गई थी. विवेकाधीन कोष के जरिए गरीबों की मदद की जाती है. एक ही प्रकरण में दो प्रकार की रिपोर्ट लगाना दोनों रिपोर्टों का एक दूसरे से विरोधाभाषी होना पाया गया है. जिसको लेकर शासन स्तर तक शिकायत की गई. प्रथमदृश्ट्या पीसीएस अधिकारी को इस पूरे मामले में जिम्मेदार माना गया है.

लोकसभा चुनाव के बाद अरुण कुमार पांचवें उप जिलाधिकारी हैं, जिनको निलंबित किया गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों की सुनवाई न होने के चलते भाजपा का खराब प्रदर्शन होने के मामले सामने आए थे. इस वजह से लगातार पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी को लेकर अरुण कुमार सिंह पर भी गाज गिरी है. उनके खिलाफ जांच का आगाज हो गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ वास्तविक दंड प्रक्रिया शुरू की जाएगी.


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