जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को भजनलाल सरकार का बजट पेश किया गया. बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किले-महलों की बात हुई, लेकिन खेती, किसान, नौजवान, गरीब और मातृशक्ति का जिक्र नहीं है. सदन में बजट पेश होने के बाद मीडिया से बातचीत में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि उनके 12 महीने तो समझ में ही नहीं आएगा कि बजट आया क्या है. धरातल पर उतरने का तो सवाल ही नहीं है. यह केवल आंकड़ों और शब्दों का मायाजाल है. केंद्र का बजट अभी आया नहीं है, इसलिए इनके पास अभी बोलने और देने के लिए कुछ नहीं था. बजट में किले और महलों की बातें होती रही, लेकिन खेती, किसान, गरीब, नौजवान, दलित-पिछड़े और मातृशक्ति का कहीं कोई जिक्र नहीं था.
सीएम और पीएम के नाम की प्रतियोगिता : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इस बजट में एक प्रतियोगिता थी कि कितने बार मुख्यमंत्री का नाम आएगा और कितने बार प्रधानमंत्री का नाम आएगा. इसके अलावा कुछ नहीं था. आज तक के इतिहास में हमने कभी नहीं देखा कि मुख्यमंत्री लिखने के बाद उनका नाम लिखने की जरूरत होती थी. इन्होंने बजट की गरिमा को तार-तार किया है.
हमने जो नौकरियां निकाली, वही नहीं दे पाए : उन्होंने कहा कि इन्होंने चार साल में चार लाख नौकरियां देने की बात कही है. इस साल एक लाख नौकरियां देने की घोषणा की है. हमारी सरकार ने जो भर्तियां निकाली थी, अब तक तो उनकी ही नियुक्तियां यह सरकार नहीं दे पाई है. कब एक लाख नौकरियों की भर्ती निकालेंगे, कब परीक्षा होगी और कब ये नियुक्तियां देंगे.
हर विधायक को एक-एक स्कूल तो देते : शिक्षा का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि इन्होंने 100 स्कूल खोलने की बात की है. इससे अच्छा होता कि एक-एक विधायक को एक-एक स्कूल तो देते. हमने 3700 से ज्यादा इंग्लिश मीडियम स्कूल खोल दी थी. डोटासरा ने कहा कि बजट में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर एक शब्द नहीं बोला गया. चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की भी बात नहीं है. हमने किसान को दो हजार रुपए की और घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली फ्री दी. उसे लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं है.
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इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के नाम पर घोटाला : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बड़े-बड़े कारोबारियों की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ करने का जरूर बजट में जिक्र किया गया है. इसमें घोटाला सामने आएगा. हजारों-लाखों-करोड़ रुपए के मालिकों को तो छूट दी गई है, जबकि गरीब को छूट देने की बात तक नहीं की गई है. डोटासरा ने कहा कि इस सरकार का शिक्षा को लेकर कोई विजन नहीं है, इसलिए शिक्षा जैसे अहम क्षेत्र को डेढ़ लाइन में समेट दिया गया है.
कृषि मंत्री की गैर मौजूदगी में कृषि बजट : डोटासरा ने कहा कि कृषि मंत्री की गैर मौजूदगी में इन्होंने कृषि का बजट पढ़ा. मंत्री का विजन आया कि नहीं आया, पता नहीं. उन्होंने कहा कि यह दिशाहीन बजट था. प्रदेश की 80 फीसदी आबादी जो गांवों में रहती है, उनके लिए बजट में कुछ नहीं है. फरवरी में इन्होंने जो अंतरिम बजट पेश किया था, उसकी एक भी घोषणा आज तक धरातल पर नहीं उतरी है. यह बजट भी हवा-हवाई ही रह जाएगा.