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'मखाना की खेती से जोड़े जाएंगे 50 हजार किसान', दो दिवसीय मखाना महोत्सव में बोले कृषि मंत्री मंगल पांडेय - MAKHANA MAHOTSAVA

TWO DAYS MAKHANA MAHOTSAVA: पटना के बापू सभागार में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया है. शनिवार को बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने महोत्सव का शुभारंभ किया, पढ़िये पूरी खबर.

दो दिवसीय मखाना महोत्सव
दो दिवसीय मखाना महोत्सव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 3, 2024, 5:04 PM IST

दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन (ETV BHARAT)

पटनाः सुपरफूड के रूप में शुमार मखाना गुणों की खान है. इसके अनोखे गुणों के कारण इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है. बिहार के अधिक से अधिक किसानों को मखाना की खेती से जोड़ने और इसके उचित विपणन को लेकर बिहार की राजधानी पटना में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया है. बापू सभागार में आयोजित इस महोत्सव का शुभारंभ कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया.

मखाना उत्पादकों ने लगाए कई स्टॉलः मखाना महोत्सव में बिहार के कई मखाना उत्पादकों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं. इन स्टॉल पर मखाना से बने कई उत्पाद उपलब्ध हैं. कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कई स्टॉल का भी निरीक्षण किया और मखाना उत्पादक किसानों से भी बातचीत की.इसके अलावा इस मौके पर मखाना व्यंजन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. महोत्सव में इस्टर्न सेंट्रल रेलवे, इंडिया पोस्ट और बिहार स्थित एयरपोर्ट के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं.

दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन.
दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन. (ETV Bharat)

'50 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य': इस मौके पर कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि फिलहाल बिहार में पैंतीस हजार हेक्टेयर के मखाना की खेती हो रही है और इसकी खेती से 25 हजार किसान जुड़े हैं. हमारा लक्ष्य है कि बिहार में पचास से साठ हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती हो और पचास हजार से ज्यादा किसान इसकी खेती से जुड़ें.

"हमारा लक्ष्य है कि मखाना उत्पादन और इससे बने उत्पादों के जरिये बिहार के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जा सके. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में मखाना आधारित उद्योग लगाने के लिए भी युवाओ को आर्थिक सहायता दी जा रही है. मखाना के जरिये रोजगार सृजन के लक्ष्य को लेकर हम लोग पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं"- मंगल पांडेय, कृषि मंत्री

मिथिला मखाना को मिला है जीआई टैगः बता दें कि पूरे देश में मखाना उत्पादन का 90 फीसदी हिस्सा सिर्फ बिहार में ही उपजाया जाता है. खासकर मिथिलांचल और सीमांचल के दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिले में मुख्य रूप से मखाने का उत्पादन होता है. मखाना के अनोखे स्वाद और इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण जीआई टैग भी मिला हुआ है. जीआई टैग मिलने के बाद मखाना की मांग पूरी दुनिया में बढ़ने लगी है.

सेहत का खजाना है मखाना: दरअसल, मखाना कमल के बीज को कहा जाता है. सुपरफूड मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर फूड है. ये ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही दिल की सेहत के लिए भी लाभदायक है. मखाना से आज कल कई किस्म के डिशेज बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा व्रत-त्योहारों में मखाना का हलवा तो व्रतधारियों की खास पसंद है.

ये भी पढ़ेंः सुपर फूड 'मखाना' : बिहार के मिथिलांचल के मखाना को अब चाहिए बड़ा बाजार

लाजवाब स्वाद और सेहत का खजाना, जानिए कैसे बनता है मखाना का डोसा

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दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन (ETV BHARAT)

पटनाः सुपरफूड के रूप में शुमार मखाना गुणों की खान है. इसके अनोखे गुणों के कारण इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है. बिहार के अधिक से अधिक किसानों को मखाना की खेती से जोड़ने और इसके उचित विपणन को लेकर बिहार की राजधानी पटना में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया है. बापू सभागार में आयोजित इस महोत्सव का शुभारंभ कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया.

मखाना उत्पादकों ने लगाए कई स्टॉलः मखाना महोत्सव में बिहार के कई मखाना उत्पादकों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं. इन स्टॉल पर मखाना से बने कई उत्पाद उपलब्ध हैं. कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कई स्टॉल का भी निरीक्षण किया और मखाना उत्पादक किसानों से भी बातचीत की.इसके अलावा इस मौके पर मखाना व्यंजन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. महोत्सव में इस्टर्न सेंट्रल रेलवे, इंडिया पोस्ट और बिहार स्थित एयरपोर्ट के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं.

दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन.
दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन. (ETV Bharat)

'50 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य': इस मौके पर कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि फिलहाल बिहार में पैंतीस हजार हेक्टेयर के मखाना की खेती हो रही है और इसकी खेती से 25 हजार किसान जुड़े हैं. हमारा लक्ष्य है कि बिहार में पचास से साठ हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती हो और पचास हजार से ज्यादा किसान इसकी खेती से जुड़ें.

"हमारा लक्ष्य है कि मखाना उत्पादन और इससे बने उत्पादों के जरिये बिहार के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जा सके. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में मखाना आधारित उद्योग लगाने के लिए भी युवाओ को आर्थिक सहायता दी जा रही है. मखाना के जरिये रोजगार सृजन के लक्ष्य को लेकर हम लोग पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं"- मंगल पांडेय, कृषि मंत्री

मिथिला मखाना को मिला है जीआई टैगः बता दें कि पूरे देश में मखाना उत्पादन का 90 फीसदी हिस्सा सिर्फ बिहार में ही उपजाया जाता है. खासकर मिथिलांचल और सीमांचल के दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिले में मुख्य रूप से मखाने का उत्पादन होता है. मखाना के अनोखे स्वाद और इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण जीआई टैग भी मिला हुआ है. जीआई टैग मिलने के बाद मखाना की मांग पूरी दुनिया में बढ़ने लगी है.

सेहत का खजाना है मखाना: दरअसल, मखाना कमल के बीज को कहा जाता है. सुपरफूड मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर फूड है. ये ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही दिल की सेहत के लिए भी लाभदायक है. मखाना से आज कल कई किस्म के डिशेज बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा व्रत-त्योहारों में मखाना का हलवा तो व्रतधारियों की खास पसंद है.

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