पटना: जुन सुराज संगठन के संयोजक प्रशांत किशोर आज पटना में नए राजनीतिक दल का गठन करने जा रहे हैं. इससे पहले वह भारतीय जनता पार्टी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा चुके है. बिहार की राजनीति के सभी प्रमुख दलों के लिए वह काम कर चुके हैं. 2 वर्षों की पदयात्रा के बाद अब वह बिहार की राजनीति को बदलने के दावे के साथ नई राजनीतिक दल का गठन करने जा रहे हैं. जनता के मन में काफी उत्साह है लेकिन कुछ लोगों के मन में यह संशय जरूर है कि प्रशांत किशोर भी कहीं अन्य राजनीतिक दल के नेता की तरह ना निकल जाए.
युवाओं को प्रशांत किशोर से उम्मीदें: पटना के युवक शिव प्रकाश कहते हैं कि प्रशांत किशोर उन्हें काफी अच्छे लगते हैं. एक शिक्षित व्यक्ति हैं और समाज के सभी वर्गों को साथ जोड़ रहे हैं. वह समाज को जात-पात में बांटकर बात नहीं करते हैं. बिहार की राजनीति के सभी प्रमुख दलों के साथ वह रह चुके हैं. उन्हें उम्मीद है कि प्रशांत किशोर अगर राजनीति में आते हैं तो बिहार की राजनीति में बदलाव लाएंगे.
"प्रशांत किशोर पढ़े-लिखे और सुलझे हुए दिखते हैं. वह अन्य नेताओं की तरह जात-पात की बात नहीं करते हैं. बिहार में सभी जाति के शिक्षित लोग प्रशांत किशोर के साथ जुड़ रहे हैं और वह यह अनुभव भी अच्छे से कर रहे हैं. ऐसे में मुझे उम्मीद है कि वह बिहार की भलाई के लिए कुछ बेहतर करेंगे." - शिव प्रकाश, स्थानीय
'शायद बिहार का भला हो जाए': एक अन्य युवक रोहित कुमार ने बताया कि उन्हें प्रशांत किशोर अच्छे लगते हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह बिहार की राजनीति में बदलाव लाएंगे. बिहार में बदलाव की जरूरत है और इसकी क्षमता प्रशांत किशोर में है. प्रशांत किशोर ने बिहार में विकास को लेकर कई बड़े दावे किए हैं और उन्हें विश्वास है कि प्रशांत किशोर सत्ता में आते हैं तो बिहार का बेहतर विकास करेंगे.
पीके को लेकर संदेह: हालांकि सामंत प्रधान कहते हैं कि उन्हें प्रशांत किशोर से कोई विशेष उम्मीद नहीं है. उन्हें लगता है कि प्रशांत किशोर भी अन्य नेताओं की तरह निकल जाएंगे. कोई भी जब नया संगठन कर करता है तो कहता है उसे सत्ता नहीं चाहिए, उसे पद नहीं चाहिए, वह चुनाव नहीं लड़ेगा लेकिन जैसे ही मौका मिलता है, सबसे पहले वही पद हासिल करता है.
"प्रशांत किशोर आज तक पैसे के लिए दूसरों को चुनाव लड़वाते रहे हैं और जिताया भी है. मुझे लगता है कि प्रशांत किशोर के लिए सिर्फ पैसा मायने रखता है और पैसा बनाने के लिए ही वह राजनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रशांत किशोर एक व्यापारी हैं और राजनीति को वह व्यापार के रूप में ही लेते हैं."- सामंत प्रधान, स्थानीय
क्या सोचती है आधी आबादी?: वीणा कुमारी कहती हैं कि उन्हें प्रशांत किशोर की बात और विचारधारा अच्छी लगती है. वह पढ़े-लिखे और सहज व्यक्ति हैं. उनकी बातों में बिहार को लेकर के एक दृष्टि नजर आती है. चारों तरफ लोग प्रशांत किशोर के बारे में बात कर रहे हैं और उनसे अपेक्षाएं भी हैं. उन्हें लगता है कि बिहार के राजनीति में प्रशांत किशोर का अच्छा भविष्य है और वह बिहार की राजनीति में आएंगे तो बदलाव ही लाएंगे.
मुस्लिम समाज में जगी नई आस: मोहम्मद वासिल ने बताया कि उन्हें प्रशांत किशोर अच्छे लगते हैं और उन्हें लगता है कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में बदलाव लाएंगे. गांव-गांव घूम रहे हैं और लोगों से मिलकर उनकी बातों को समझ रहे हैं. लोगों की समस्याओं को जान रहे हैं और उसके निदान की दिशा में भी बात कर रहे हैं तो उन्हें प्रशांत किशोर काफी अच्छे लग रहे हैं. राजनीति में प्रशांत किशोर आते हैं तो अच्छे नेता बनेंगे.
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