पटनाः 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी शतरंज बिछने लगी है और रणनीतियों का दौर शुरू हो गया है तो जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की अल्पसंख्यक नेताओं के साथ हुई बैठक को लेकर बिहार के अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान ने जमकर हमला बोला है.
'बिहार को लूटने की तैयारी': अल्पसंख्यकों के साथ तेजस्वी यादव की बैठक को लेकर जमा खान ने कहा कि वो सत्ता में आने के लिए बेचैन हैं, इसलिए कभी माई, कभी बाप तो कभी दादा का समीकरण बनाकर बिहार को लूटना चाहते हैं. उन्होंने पूरी पार्टी को परिवार की प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बना दी है और बिहार को लूटने की तैयारी है लेकिन इनको भी पता है कि इस बार जमानत बचानी मुश्किल होगी. क्योंकि बिहार के अंदर जो भी विकास हुआ है वो नीतीश कुमार ने किया है.
"नीतीश कुमार पर कोई दाग लगा देगा तो हम राजनीति छोड़ देंगे हम उनसे भी कहना चाहते हैं कि युवा हैं काम करें ! लेकिन नीतीश कुमार से सीखें. नीतीश कुमार जात की नहीं जमात की राजनीति करते हैं. उन्होंने पूरे बिहार को अपना परिवार माना है और ये लोग अपने ही परिवार में उलझे हुए हैं."- जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, बिहार
'हमारे नेता का दिल बड़ा है'- विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी की NDA में वापसी को लेकर हो रही चर्चा पर जाम खान ने कहा कि हमारे नेता का दिल बड़ा है. वो हमेशा दरवाजा खुला रखते हैं. जो उनके विकास के साथ होगा उसके लिए उनका दरवाजा खुला हुआ है लेकिन जो बिहार का नुकसान करेगा उसके लिए नीतीश कुमार के दरवाजे बंद हैं.
'वक्फ बोर्ड की जमीन से हटाए जाएंगे अतिक्रमण': वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर जमा खान ने कहा कि " बिहार में वक्फ बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण को चिह्नित किया जा रहा है और अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठक की है. यदि वक्फ की जमीन किसी ने बेची होगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा भी की.
हिना शहाब से मिले थे लालू-तेजस्वीः बता दें कि पिछले दिनों आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और और उनके बेटे ओसामा से मुलाकात की थी. इसे मुस्लिम वोट को फिर से लुभाने की कवायद माना जा रहा है. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में तमाम कोशिश के बावजूद हिना शहाब ने सिवान से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में लालू-तेजस्वी की कोशिश है कि हिना शहाब को पार्टी से जोड़कर छिटक रहे मुस्लिम वोट बैंक पर फिर से पकड़ बनाई जाए.
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