जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में पीएचडी सीटों पर प्रवेश लेने का विवाद थम नहीं रहा. इसे लेकर छात्र संगठन की ओर से प्रोटेस्ट किया गया, लेकिन एंट्रेंस एग्जाम देने वाले अभ्यार्थियों को ना तो छात्र संगठनों की ओर से किए जा रहे आंदोलन रास आ रहे हैं और ना ही कुलपति प्रो अल्पना कटेजा की बेरुखी. पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम देने वाले छात्र लगातार कुलपति आवास के बाहर पर्चे चस्पा कर रहे हैं. पहले उन्होंने 'आंदोलन नहीं, प्रवेश चाहिए' जैसे पर्चे लगाएं और अब कुलपति को कांग्रेसी बताते हुए 'आरयू छोड़ने' के पर्चे चस्पा किए हैं.
राजस्थान विश्वविद्यालय में करीब 2 साल से पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ था. इस साल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित हुआ, लेकिन फिलहाल ये परीक्षा विवाद का विषय बनी हुई है. पहले परीक्षा में वार्ड कोटा तय किया गया, जिसे छात्र संगठनों के विरोध के बाद हटाया गया और जब परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया तो उसमें केवल दो गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. जबकि परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी साक्षात्कार प्रक्रिया में 50% से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को मौका देने की मांग कर रहे हैं.
इसे लेकर कुलपति आवास के बाहर हर दिन ने पर्चे चस्पा मिल रहे हैं. शनिवार को कुलपति आवास के बाहर 'आरयू कुलपति प्रोफेसर और कर्मचारियों को आपस में लड़ाना बंद करो', 'PAT परीक्षा के लिए 3085 रुपए दिए हैं, हमने परीक्षा पास की है, साक्षात्कार के लिए बुलाया जाए', PAT में 50% लाने वालों को प्रवेश दो'. यही नहीं, प्रोफेसर अल्पना कटेजा की तस्वीर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लगाते हुए उन्हें कांग्रेसी कुलपति बताकर 'आरयू छोड़ने' जैसे पर्चे कुलपति आवास के बाहर चस्पा किए गए.
इससे पहले भी कुलपति आवास के बाहर 'एबीवीपी, एनएसयूआई नहीं चाहिए, पीएचडी में प्रवेश चाहिए', 'आंदोलन नहीं, प्रवेश चाहिए', 'छात्र संगठन राजनीति नहीं करें, छात्रों के हितों के लिए काम करें' जैसे पर्चे भी चस्पा किए गए थे.