Parvati Kali Sindh Chambal Project: मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच रविवार को 75,000 करोड़ रुपये की संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर त्रिपक्षीय समझौता हुआ. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में नई दिल्ली में समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद सीएम यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह परियोजना आकार लेगी, जो करीब दो दशक से अटकी हुई थी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से मध्य प्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को फायदा मिलेगा.
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मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में दो दशकों से लंबित संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। आज परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं।
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यह परियोजना निश्चित रूप से पश्चिमी… pic.twitter.com/v2qyYtGYUz
">मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में दो दशकों से लंबित संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। आज परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं।
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यह परियोजना निश्चित रूप से पश्चिमी… pic.twitter.com/v2qyYtGYUzमुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में दो दशकों से लंबित संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। आज परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं।
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एमपी के इन जिलों को फायदा
इस समझौते से मध्यप्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर जैसे शुष्क बेल्ट जिलों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ जैसे औद्योगिक बेल्ट जिलों के औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा. यादव ने कहा कि प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में लगभग 3 लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा बढ़ेगा. इन क्षेत्रों के धार्मिक और पर्यटन केंद्र भी विकसित होंगे. यह परियोजना पश्चिमी एमपी के लिए एक वरदान होगी. सीएम ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 5 साल से भी कम समय में पूरा होगा और इसकी मौजूदा लागत करीब 75,000 करोड़ रुपये है.
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग दो दशकों से लंबित पार्बती-कालीसिंध-चंबल परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे कि… https://t.co/VyrzuCddxK
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">मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग दो दशकों से लंबित पार्बती-कालीसिंध-चंबल परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे कि… https://t.co/VyrzuCddxK
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 28, 2024मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग दो दशकों से लंबित पार्बती-कालीसिंध-चंबल परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे कि… https://t.co/VyrzuCddxK
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डेढ़ करोड़ आबादी को लाभ
सीएम मोहन यादव ने कहा कि इस परियोजना से राज्य की लगभग 1.5 करोड़ आबादी को लाभ होगा. इस लिंक परियोजना में एमपी और राजस्थान में 5.6 लाख हेक्टेयर में सिंचाई के साथ-साथ पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों और एमपी के मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों में पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ने नदी जोड़ो अभियान प्रारंभ किया था. परिस्थितियों के बदलने से दोनों प्रांतों के हित में होने वाला यह निर्णय लंबित रहा है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अटल जी के समय वर्ष 2003 में योजना बनी और नदी जोड़ो अभियान चला. पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों का पानी का लाभ दोनों राज्यों को मिलना चाहिए.