पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा उत्तर वन मंडल की बीट मथुरापुर कक्ष क्र.पी- 424 से अवयस्क बाघिन का रेस्क्यू करके पन्ना टाइगर रिजर्व की बडगडी परिक्षेत्र के कोर एरिया में छोड़ा गया है.
ग्राम दोहा के नाले में जमाया डेरा
पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन जंगल से निकलकर अवयस्क बाघिन ग्राम डोभा एवं दोहा क्षेत्र के रिहायशी इलाके में विचरण करती कई बार देखी गई. ग्राम दोहा के नाले के पास उसने अपना डेरा जमा लिया था. इस बीच उसने भैंस इत्यादि जानवरों का शिकार भी किया. बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम द्वारा हाथियों की सहायता से कई बार उसको जंगल की ओर खधेड़ा गया, लोकिन बाघिन बार-बार जंगल छोड़कर में रिहायशी इलाके में आ जाती थी.
पिंजरे में कैद कर लाया गया
पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक कार्यालय से अनुमति प्राप्त कर बाघिन को वन प्राणी चिकित्सक की निगरानी में रेस्क्यू करके बेहाश किया गया. इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व, उत्तर वन मंडल एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम की अहम भूमिका रही. पन्ना टाइगर रिजर्व के 6 हाथियों की सहायता से बाघिन को घेरकर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया. इसके बाद पिंजरे में कैद कर लाया गया.
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बाघिन को लगाया गया रेडियो कॉलर
पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि "निशचेतन के दौरान अवयस्क बाघिन की सतत मॉनिटरिंग के लिए रेडियो कॉलर लगाया गया. अवयस्क बाघिन निशचेतन प्रक्रिया के दौरान शरीर के सभी बायोलॉजिकल सैंपल लिए गए एवं हेल्थ पैरामीटर लिया गया. बाघिन स्वस्थ प्रतीत हो रही थी अतः उसे बडगडी के वन क्षेत्र में स्वच्छ रूप से विचरण हेतु छोड़ दिया गया."