पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक गांव ऐसा है, जहां पर पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है. कच्ची पगडंडी नुमा रास्ता बना हुआ है. अधिकारी हों या राजनेता सभी से ग्रामीण रास्ते के लिए कई बार फरियाद लगा चुके हैं लेकिन किसी ने अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. हाल ये है कि बारिश के दिनों में लोगों का घरों से निकलना दूभर हो जाता है. अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो और भी दिक्कतें बढ़ जाती हैं.
लोगों को नहीं मिल पाता इमरजेंसी सुविधाओं का लाभ
आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सड़क के लिए तरस रहे लोगों के गांव का नाम है मजरा पुरवा. यह गांव पन्ना जिले के पवई जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवरा में आता है. यहां के ग्रामीण आजादी के 77 सालों बाद भी सड़क के इंतजार में हैं. लोगों का कहना है कि सड़क नहीं होने से गांव का विकास रुका हुआ है, बरसात में आवागमन लगभग ठप हो जाता है, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. गांव के किसान अपनी फसलों को बाजार नहीं पहुंचा पाते हैं. साथ ही किसी बीमार व्यक्ति के इलाज या गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाना भी मुश्किल होता है. सड़क की वजह से ही हमें इमरजेंसी वाहन 108 एंबुलेंस, जननी एक्सप्रेस या डायल 100 जैसी सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है.
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बरसात में होता है कठिनाइयों से भरा सफर
ग्रामीण लक्ष्मण प्रसाद लोधी ने बताया कि ''गांव के 2 रास्ते हैं, मुख्य मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. गर्मियों और सर्दियों में तो लोग किसी तरह आवागमन कर लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में आवागमन कठिनाइयों से भरा होता है. गांव में केवल 5वीं तक स्कूल है, आगे की पढ़ाई के लिए बच्चे जब गांव से निकलते हैं तो स्कूल पहुंचने से पहले ही पूरी तरह से कीचड़ से लथपथ हो जाते हैं. बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को चारपाई पर लिटा कर मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ता है, वहां से किसी वाहन के माध्यम से अस्पताल पहुंचते हैं.'' ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए अति शीघ्र सड़क निर्माण की मांग उठाई है. ताकि ग्रामीणों की परेशानी दूर हो और गांव का विकास हो सके.