पन्ना। जिले के रैपुरा नगर से 2 किलोमीटर दूर एक तालाब के पास मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. अवशेष सैकडों साल पुराने मंदिर के हैं. मुर्तियां तालाब के आस पास बिखरी थी. आसपास के लोग इस जगह को देवगांव का तालाब के नाम से जानते हैं. लोगों ने इसकी जानकारी पुरातत्व विभाग को दी. मौके पर पहुंच कर पुरातत्व विभाग के कमिश्नर ने मूर्तियों को सुरक्षित रखवाया और सर्वे का आदेश दिया.
2 से 3 एकड़ में बिखरे पड़े हैं मंदिर के अवशेष
देवगांव तालाब की मेड़ पर दो मंदिर बने हैं. एक में मूर्ति स्थापित है. जिसमें भगवान के एक हाथ में धनुष और दूसरे हाथ में तूणीन से बाण निकलते देखा जा सकता है. जबकि दूसरे मंदिर में शिवलिंग के ऊपर प्राचीन कलश का आधार है. मुख्य द्वार के ऊपर भगवान गणेश की प्रतिमा है. द्वार के दोनों तरफ युगल प्रतिमा है. मंदिर के बाहर खंडित प्रतिमाएं भी हैं. तालाब के आसपास दो से तीन एकड़ क्षेत्र में मंदिर और मूर्तियों के अवशेष बिखरे पड़े हैं. पुरातत्व विभाग की टीम ने मूर्ति के दो हिस्सों की फोटो को देखकर बताया कि यह हनुमान जी की प्रतिमा है, क्योंकि इनके पैरों पर नीचे लंकिनी दबी है.
कमिश्नर ने सर्वे का दिया आदेश
पुरातत्व विभाग की कमिश्नर उषा मिश्रा सलैया सूचना मिलने पर सिमरी पहुंची. लोगों ने उन्हें देवगांव में तालाब के आसपास और झाड़ियों में मंदिर और मूर्तियों के अवशेष बिखरे होने की जानकारी दी. कमिश्नर सलैया ने मंदिरों में मिली प्राचीन मूर्तियों का अवलोकन करते हुए बताया कि 'यह मूर्तियां लगभग बारहवीं सदी के आसपास की हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने प्रभारी सुल्तान सिंह को सर्वे के आदेश दिए.'