पन्ना। पन्ना जिले की पवई जनपद से अजीबोगरीब मामला सामने आया है. रोजगार सहायक को ₹20 हजार की रिश्वत न मिलने के कारण उसने आनंद रानी बाई परिहार को जीवित रहते हुए शासकीय रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया, जिससे उसकी वृद्धा पेंशन भी बंद हो गई. पन्ना जिले में भ्रष्टाचार कितना विकराल रूप लेता जा रहा है, इसकी ये मिसाल है. कागजों में मृत दर्शाने से दुखी होकर महिला ने कलेक्टर से कहा "देखो, साहब मैं जिंदा हूं लेकिन कागजों में मुझे मृत घोषित कर दिया."
पंचायत सचिव ने मांगी थी 20 हजार रिश्वत
पन्ना जिले की पवई जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बरखेड़ा कला के ग्राम मेहगांव निवासी आनंद रानी परिहार पति दीपक सिंह परिहार उम्र 63 वर्ष के नाम से प्रधानमंत्री आवास पास हुआ था. जिसकी राशि जारी की गई थी. इसमे सतीश कुमार मिश्रा प्रभारी सचिव ग्राम पंचायत बरखेड़ा कला ने ₹20 हजार रिश्वत की मांग की थी. राशि जारी होने पर रिश्वत की मांग कई बार की गई. रिश्वत न मिलने पर हितग्राही दीपक सिंह की धर्मपत्नी आनंद रानी सिंह परिहार को सरकारी दस्तावेज में मृत दर्शा दिया गया.
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पेंशन बंद होने पर कलेक्टर से की शिकायत
महिला की 15 जनवरी 2024 को मृत्यु होना एवं 29 जनवरी 2024 को समग्र आईडी पोर्टल में मृत घोषित कर दिया गया. आनंद रानी की समग्र आईडी में मृत घोषित होते ही उनकी वृद्धावस्था में पेंशन बैंक खाता तथा अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया. इसके बाद आनंद रानी परिहार ने अपने पति के साथ उपस्थित होकर 30 अप्रैल 2024 को कलेक्टर पन्ना एवं मुख्य कार्यपालिका अधिकारी जिला पंचायत को लिखित पंचनामा, जीवित होने का शपथ पत्र दिया.