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तमिलनाडु: खुदाई में मिले प्राचीन काल के टूटे चाकू - TAMIL NADU EXCAVATIONS

पुरातत्वविदों को तमिलनाडु के वर्तमान कुड्डालोर जिले में चल रहे उत्खनन स्थल से तीन भागों में टूटा हुआ 13 सेमी लंबा लोहे का चाकू मिला.

Broken iron knife found at Marungur excavation site
तमिलनाडु में खुदाई में मिले प्राचीन काल के टूटे चाकू (x)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 30, 2025, 1:46 PM IST

कुड्डालोर: तमिलनाडु पुरातत्व विभाग की ओर से कुड्डालोर जिले आठ स्थानों पर खुदाई की गई. इस दौरान प्राचीन काल के कई सामान पाए गए. इसी क्रम में हाल में एक हे का चाकू मिला है. इस खोज से पता चलता है कि प्राचीन तमिल सभ्यता लोहे का प्रयोग जानती थी.

पुरातत्व विभाग द्वारा विरुधुनगर में वेम्बकोट्टई, तिरुवन्नामलाई में किलनामंडी, पुदुक्कोट्टई में पोरपनईकोट्टई, तेनकासी में तिरुमलापुरम, कृष्णगिरि में चेन्ननूर और तिरुपुर में कोंकल नगरम सहित कुड्डालोर में मारुंगुर में खुदाई की गई.

इस संबंध में कुड्डालोर जिले के मारुंगुर में खुदाई के दौरान राजराजन काल के तांबे के सिक्के, पकी हुई मिट्टी से बने सामान, बर्तन के टुकड़े और तांबे के सामान, और अन्य प्राचीन कलाकृतियां मिली है. इसी के साथ बुधवार (29 जनवरी) को 22.97 ग्राम वजन, 13 सेमी लंबा और 2.8 मिमी मोटा एक लोहे का चाकू टूटी हुई अवस्था में 257 सेमी की गहराई में मिला.

अब तक की गई खुदाई में लोहे के तीर और कीलें मिली लेकिन अब यह चाकू भी मिला है. चाकू की खोज से पता चलता है कि प्राचीन तमिल सभ्यता लोहे का इस्तेमाल जानती थी और इसकी तकनीकी सीखती थी. तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु ने इस संबंध में अपने एक्स पेज पर एक पोस्ट किया.

उस पोस्ट में उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री द्वारा लोहे की प्राचीनता पर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक शोध के परिणामों को दुनिया के सामने लाने के कुछ दिनों बाद, कुड्डालोर जिले के मारुंगुर क्षेत्र में चल रही खुदाई एक लोहे का चाकू टूटी हुई अवस्था में मिला.

अब तक की गई खुदाई में लोहे के तीर और कीलें मिली हैं. इससे पहले मारुंगुर उत्खनन में राजराजा चोल काल के तांबे के सिक्के, मिट्टी के टूटे बर्तन पाए गए थे. लोहे के चाकू की खोज ने पुष्टि की है कि यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है.

ये भी पढ़ें- एक ऐसा गांव जहां छह पीढ़ियों से नहीं मनाया गया पोंगल

कुड्डालोर: तमिलनाडु पुरातत्व विभाग की ओर से कुड्डालोर जिले आठ स्थानों पर खुदाई की गई. इस दौरान प्राचीन काल के कई सामान पाए गए. इसी क्रम में हाल में एक हे का चाकू मिला है. इस खोज से पता चलता है कि प्राचीन तमिल सभ्यता लोहे का प्रयोग जानती थी.

पुरातत्व विभाग द्वारा विरुधुनगर में वेम्बकोट्टई, तिरुवन्नामलाई में किलनामंडी, पुदुक्कोट्टई में पोरपनईकोट्टई, तेनकासी में तिरुमलापुरम, कृष्णगिरि में चेन्ननूर और तिरुपुर में कोंकल नगरम सहित कुड्डालोर में मारुंगुर में खुदाई की गई.

इस संबंध में कुड्डालोर जिले के मारुंगुर में खुदाई के दौरान राजराजन काल के तांबे के सिक्के, पकी हुई मिट्टी से बने सामान, बर्तन के टुकड़े और तांबे के सामान, और अन्य प्राचीन कलाकृतियां मिली है. इसी के साथ बुधवार (29 जनवरी) को 22.97 ग्राम वजन, 13 सेमी लंबा और 2.8 मिमी मोटा एक लोहे का चाकू टूटी हुई अवस्था में 257 सेमी की गहराई में मिला.

अब तक की गई खुदाई में लोहे के तीर और कीलें मिली लेकिन अब यह चाकू भी मिला है. चाकू की खोज से पता चलता है कि प्राचीन तमिल सभ्यता लोहे का इस्तेमाल जानती थी और इसकी तकनीकी सीखती थी. तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु ने इस संबंध में अपने एक्स पेज पर एक पोस्ट किया.

उस पोस्ट में उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री द्वारा लोहे की प्राचीनता पर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक शोध के परिणामों को दुनिया के सामने लाने के कुछ दिनों बाद, कुड्डालोर जिले के मारुंगुर क्षेत्र में चल रही खुदाई एक लोहे का चाकू टूटी हुई अवस्था में मिला.

अब तक की गई खुदाई में लोहे के तीर और कीलें मिली हैं. इससे पहले मारुंगुर उत्खनन में राजराजा चोल काल के तांबे के सिक्के, मिट्टी के टूटे बर्तन पाए गए थे. लोहे के चाकू की खोज ने पुष्टि की है कि यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है.

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