पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिलों को दो बातों के लिए फेमस है. सबसे पहले पन्ना को हीरो की नगरी कहा जाता है. यहां देश की सबसे बड़ी खदान है. आए दिन खुदाई के वक्त हीरा मिलने की खबरें सामने आती है. इसके बाद पन्ना को मंदिरों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. पन्ना में विश्व विख्यात किशोर जी मंदिर स्थापित है. होली पर्व के तीसरे दिन इस मंदिर का नजारा मन को मोहने वाला होता है. इस दिन दूर-दूर से भगवान जुगल किशोर के दर्शन करने पहुंचते हैं.
जुगल किशोर और राधा रानी का अद्भुत श्रृंगार दर्शन
पन्ना के किशोर जी मंदिर में होली के तीसरे दिन भगवान जुगल किशोर ने जू सखी रूप धारण कर किया था. जू सखी रूप में भगवान किशोर ने भक्तों को दर्शन दिए. प्रभु की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से कई श्रद्धालु पहुंचे. वहीं राधा रानी जी अपने सिर में मुकुट और हाथों में बांसुरी धारण किया है. साल में मात्र एक बार सजने वाली भगवान के सखी वेश की यह मनोरम झांकी अद्भुत होती है.
भगवान जुगल किशोर के दर्शन के लिए पन्ना सहित बुंदेलखंड के अन्य जिलों के दर्शनार्थी हजारों की संख्या में मंदिर पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में जमकर रंग-गुलाल उड़ाया और होली खेली.
जुगल किशोरजी मंदिर का निर्माण पन्ना के चौथे बुंदेला राजा हिंदूपत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान 1758 से 1778 तक किया था. जुगल किशोर मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है. यहां पर भाई दूज की रात भगवान सखी के वेश में नजर आते हैं. मंदिर के द्वार रात 12 ही खुलते हैं और सुबह 11 बजे बंद कर दिए जाते हैं.
भगवान का यह रुप देखने के लिए दूर- दूर से भक्त आते हैं. वे नाचते, गाते हैं. पुष्प और गुलाल से होली खेली जाती है. पन्ना शहर के सुप्रसिद्ध श्री जुगल किशोर जी मंदिर जीवंत हो उठता है, यहां होली का पर्व वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है.
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16 हजार सखियों ने पकड़ा लिया था भगवान श्री कृष्ण को
भगवान श्रीकृष्ण राधिका रुप धारण करके लहंगा- चुनरी पहनते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि, इसी दिन 16 हजार सखियों ने कृष्ण को पकड़ लिया था. जिसके बाद इसी वेश में उन्होंने दर्शन दिए थे.