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बीमार वृद्धा को चारपाई पर रखा, खेतों की मेड़ों से कीचड़ में धंसकर गुजरे तब पहुंचे ठिकाने पर - No road many villages - NO ROAD MANY VILLAGES

पन्ना जिला मुख्यालय से सटे कोतवालीपुर व कर्रीपुरा के ग्रामीणों का जीवन बहुत कठिन है. दोनों गांवों में सड़क नहीं है. बीमार लोगों को मुख्य सड़क तक ले जाने के लिए चारपाई ही सहारा है. कीचड़भरे खेतों की मेड़ों से होकर रास्ता तय करना पड़ता है.

No road many villages
बीमार वृद्धा को चारपाई पर रखकर ले गए सड़क तक (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 2:16 PM IST

पन्ना। गांवों में विकास योजनाओं को लेकर सरकारें कितने भी दावें करें लेकिन हकीकत इससे उलट हैं. कई गांव ऐसे हैं जो मुख्य सड़क से कटे हुए हैं. इन गांवों तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है. ग्रामीण कीचड़भरे रास्तों से पगंडंडी के सहारे होकर लंबी दूरी चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं. बारिश में ग्रामीणों की समस्या और बढ़ जाती है. मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के कोतवालीपुर व कर्रीपुरा में भी अभी तक कोई पहुंच मार्ग नहीं बन सका है. लोगों को खेतों की मेड़ों से आवागमन करना पड़ रहा है.

इन लोगों के लिए चारपाई ही एकमात्र बड़ा सहारा (ETV BHARAT)

एक तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व तो दूसरी तरफ निजी भूमि

जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कुड़ार के मजरा कोतवालीपुर और कर्रीपुरा के ग्रामीणों का जीवन बहुत कठिन है. इन दोनों बस्तियों को आजादी के 78 सालों बाद भी कोई रास्ता नहीं मिल सका है. एक तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व बफर जोन का घना जंगल और दूसरी तरफ निजी भूमि होने से ग्रामीणो को खेतों की मेड़ से आवागमन करने को मजबूर होना पड़ता है. मीरा बाई बंशकार का कहना है "गांव के लिए कोई रास्ता नहीं है. इसी तरह खेतों की मेड़ से आवागमन करना पड़ता है. बरसात के दिनों में खेतों में फसलों की सुरक्षा हेतु बाड़ लग जाने एवं कीचड़ की वजह से आवागमन में कठिनाइयां कई गुना बढ़ जाती हैं."

No road many villages
बुजुर्ग महिला को खाट पर रखकर ले गए इलाज के लिए (ETV BHARAT)

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चारपाई पर लिटाकर खेतों के मेड़ों के सहारे रास्ता पार किया

बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि यहां एम्बुलेंस, जननी एक्सप्रेस या डायल हंड्रेड जैसे इमरजेंसी वाहन पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. गोरेलाल बंशकार ने बताया "उसकी मां बीमार है. हालत बिगड़ने पर खाट पर लिटाकर लिटाकर लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग तक पहुंचे. यहां से किसी वाहन की व्यवस्था से जिला अस्पताल पहुंचकर इलाज करवाएंगे." वे लोग कई बार सरपंच, सचिव से लेकर जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर, विधायक और सांसद तक फरियाद कर चुके हैं लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ. वहीं, सरपंच प्रतिनिधि अवतार सिंह बताते हैं "एक तरफ से पन्ना टाइगर रिजर्व का कोर एरिया का घना जंगल लगा हुआ है और दूसरी तरफ से निजी भूमि है. इसलिए रोड नहीं बन पा रहा है."

पन्ना। गांवों में विकास योजनाओं को लेकर सरकारें कितने भी दावें करें लेकिन हकीकत इससे उलट हैं. कई गांव ऐसे हैं जो मुख्य सड़क से कटे हुए हैं. इन गांवों तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है. ग्रामीण कीचड़भरे रास्तों से पगंडंडी के सहारे होकर लंबी दूरी चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचते हैं. बारिश में ग्रामीणों की समस्या और बढ़ जाती है. मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के कोतवालीपुर व कर्रीपुरा में भी अभी तक कोई पहुंच मार्ग नहीं बन सका है. लोगों को खेतों की मेड़ों से आवागमन करना पड़ रहा है.

इन लोगों के लिए चारपाई ही एकमात्र बड़ा सहारा (ETV BHARAT)

एक तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व तो दूसरी तरफ निजी भूमि

जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कुड़ार के मजरा कोतवालीपुर और कर्रीपुरा के ग्रामीणों का जीवन बहुत कठिन है. इन दोनों बस्तियों को आजादी के 78 सालों बाद भी कोई रास्ता नहीं मिल सका है. एक तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व बफर जोन का घना जंगल और दूसरी तरफ निजी भूमि होने से ग्रामीणो को खेतों की मेड़ से आवागमन करने को मजबूर होना पड़ता है. मीरा बाई बंशकार का कहना है "गांव के लिए कोई रास्ता नहीं है. इसी तरह खेतों की मेड़ से आवागमन करना पड़ता है. बरसात के दिनों में खेतों में फसलों की सुरक्षा हेतु बाड़ लग जाने एवं कीचड़ की वजह से आवागमन में कठिनाइयां कई गुना बढ़ जाती हैं."

No road many villages
बुजुर्ग महिला को खाट पर रखकर ले गए इलाज के लिए (ETV BHARAT)

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चारपाई पर लिटाकर खेतों के मेड़ों के सहारे रास्ता पार किया

बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि यहां एम्बुलेंस, जननी एक्सप्रेस या डायल हंड्रेड जैसे इमरजेंसी वाहन पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. गोरेलाल बंशकार ने बताया "उसकी मां बीमार है. हालत बिगड़ने पर खाट पर लिटाकर लिटाकर लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग तक पहुंचे. यहां से किसी वाहन की व्यवस्था से जिला अस्पताल पहुंचकर इलाज करवाएंगे." वे लोग कई बार सरपंच, सचिव से लेकर जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर, विधायक और सांसद तक फरियाद कर चुके हैं लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ. वहीं, सरपंच प्रतिनिधि अवतार सिंह बताते हैं "एक तरफ से पन्ना टाइगर रिजर्व का कोर एरिया का घना जंगल लगा हुआ है और दूसरी तरफ से निजी भूमि है. इसलिए रोड नहीं बन पा रहा है."

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