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पंचायत प्रधान व सचिव ने किया सरकारी धन का दुरुपयोग, HC ने ₹90-90 हजार वसूलने के दिए आदेश

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी पैसे के दुरुपयोग को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. पंचायत प्रधान व सचिव के खिलाफ यह फैसला सुनाया है.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

शिमला: सरकारी धन का दुरुपयोग करने से जुड़े मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान और पूर्व सचिव से 90-90 हजार रुपये वसूल करने के बाद मामले को बंद करने के आदेश पारित किए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने खंड विकास अधिकारी चौपाल को यह आदेश जारी किए हैं कि वह पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव ग्राम पंचायत रुसला से यह वसूली करें. इन दोनों से वसूली करने के बाद ही मामले को बंद कर दिया जाए.

मामले से जुड़े तथ्यों के अनुसार, आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव की मिलीभगत के चलते वर्ष 2016 से 2021 तक सरकारी धन से कुछ सरकारी नौकरी में लगे लोगों के व्यक्तिगत काम भी करवाए गए. इन कामों में उनके लिए टैंक की सुविधा और व्यक्तिगत रास्ते के लिए इस धन का दुरुपयोग किया गया.

प्रार्थी की यह दलील थी कि इस तरह की स्कीमों को उन लोगों के लिए ही लागू किया जाता है जो लोग मनरेगा के अंतर्गत आते हैं. इसके लिए मनरेगा कार्ड का होना अति आवश्यक है. जब प्रार्थी केवल राम लोथता को इस बारे में पता चला तो उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिलाधीश शिमला को नोटिस भेजा ताकि उक्त मामले में उपयुक्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके.

लीगल नोटिस के जवाब में प्रार्थी के अधिवक्ता को यह बताया गया कि इस मामले में जांच करने बाबत सक्षम अधिकारियों को आदेश जारी किए गए थे. 11 अप्रैल 2023 को जारी इन आदेशों पर सक्षम अधिकारियों की ओर से कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई.

मजबूरन प्रार्थी को हाईकोर्ट के समक्ष जनहित याचिका दाखिल करनी पड़ी. जनहित याचिका दाखिल करने के तुरंत बाद ही कार्यवाही अमल में लाई गई. पूर्व पंचायत सचिव व पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत रुस्ला को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया और खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार दोनों से 90- 90 हजार रुपये वसूली किए जाने के आदेश पारित किए.

यही नहीं इस मामले को लेकर 1000 रुपये के हिसाब से पूर्व पंचायत सचिव व दो ग्राम सेवकों से जुर्माना वसूलने के आदेश भी जारी किए गए. प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के बाद याचिका को बंद कर दिया लेकिन खंड विकास अधिकारी चौपाल को यह आदेश जारी किए कि वह पूर्व सचिव व पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत रुसला से वसूली करने के बाद ही इस मामले को बंद करें.

ये भी पढ़ें: आस्था के नाम पर ठगी: शख्स ने खुद को बताया माता शिकारी देवी का गुर, तंत्र-मंत्र का डर दिखाकर लूट लिए ₹7 लाख

शिमला: सरकारी धन का दुरुपयोग करने से जुड़े मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान और पूर्व सचिव से 90-90 हजार रुपये वसूल करने के बाद मामले को बंद करने के आदेश पारित किए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने खंड विकास अधिकारी चौपाल को यह आदेश जारी किए हैं कि वह पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव ग्राम पंचायत रुसला से यह वसूली करें. इन दोनों से वसूली करने के बाद ही मामले को बंद कर दिया जाए.

मामले से जुड़े तथ्यों के अनुसार, आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव की मिलीभगत के चलते वर्ष 2016 से 2021 तक सरकारी धन से कुछ सरकारी नौकरी में लगे लोगों के व्यक्तिगत काम भी करवाए गए. इन कामों में उनके लिए टैंक की सुविधा और व्यक्तिगत रास्ते के लिए इस धन का दुरुपयोग किया गया.

प्रार्थी की यह दलील थी कि इस तरह की स्कीमों को उन लोगों के लिए ही लागू किया जाता है जो लोग मनरेगा के अंतर्गत आते हैं. इसके लिए मनरेगा कार्ड का होना अति आवश्यक है. जब प्रार्थी केवल राम लोथता को इस बारे में पता चला तो उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिलाधीश शिमला को नोटिस भेजा ताकि उक्त मामले में उपयुक्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके.

लीगल नोटिस के जवाब में प्रार्थी के अधिवक्ता को यह बताया गया कि इस मामले में जांच करने बाबत सक्षम अधिकारियों को आदेश जारी किए गए थे. 11 अप्रैल 2023 को जारी इन आदेशों पर सक्षम अधिकारियों की ओर से कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई.

मजबूरन प्रार्थी को हाईकोर्ट के समक्ष जनहित याचिका दाखिल करनी पड़ी. जनहित याचिका दाखिल करने के तुरंत बाद ही कार्यवाही अमल में लाई गई. पूर्व पंचायत सचिव व पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत रुस्ला को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया और खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार दोनों से 90- 90 हजार रुपये वसूली किए जाने के आदेश पारित किए.

यही नहीं इस मामले को लेकर 1000 रुपये के हिसाब से पूर्व पंचायत सचिव व दो ग्राम सेवकों से जुर्माना वसूलने के आदेश भी जारी किए गए. प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के बाद याचिका को बंद कर दिया लेकिन खंड विकास अधिकारी चौपाल को यह आदेश जारी किए कि वह पूर्व सचिव व पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत रुसला से वसूली करने के बाद ही इस मामले को बंद करें.

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