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कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा सहित तीन आरोपी बरी, रंगदारी और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले में फैसला - Palamu Court

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 29, 2024, 10:43 PM IST

Notorious don Sujit Sinha. पलामू कोर्ट ने कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा सहित तीन आरोपियों को दो अलग-अलग मामलों में बरी किया है. पुलिस की ओर से दोनों ही मामलों में पर्याप्त सबूत नहीं पेश किया जा सका. इस कारण साक्ष्य के अभाव में तीनों को बरी कर दिया गया.

Palamu Court Verdict
पलामू कोर्ट का फैसला (कॉन्सेप्ट इमेज-ईटीवी भारत)

पलामूः कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा, आकाश राय उर्फ मोनू और हरी तिवारी को दो अलग-अलग मामलों में पलामू कोर्ट ने बरी कर दिया है. जिस वक्त आकाश राय उर्फ मोनू और हरी तिवारी पर एफआईआर दर्ज की गई थी, उस वक्त दोनों का नाम अमन साव गिरोह से नहीं जुड़ा था. सोमवार को पलामू कोर्ट ने रंगदारी और आर्म्स एक्ट के अलग-अलग मामलों में साक्ष्य के अभाव में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है.

साक्ष्य के अभाव में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

इस संबंध में बचाव पक्ष के अधिवक्ता चितरंजन पांडेय ने बताया कि साक्ष्य के अभाव के कारण तीनों को बरी किया गया है. तीनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था.

कारोबारी से रंगदारी मांगने और बम फेंकने का है मामला

वर्ष 2017 में पलामू के प्रसिद्ध कारोबारी पवन केजरीवाल से 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने के आरोप में तीनों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं 2017 में ही पलामू एजेंसी पर बम फेंका गया था. दोनों मामले में सुजीत सिन्हा, आकाश राय और हरी तिवारी को आरोपी बनाया गया था. कोर्ट ने दोनों मामलों में साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी किया है.

तीनों आरोपियों पर झारखंड के विभिन्न थानों में दर्ज हैं केस

दरअसल, सुजीत सिन्हा, आकाश राय और हरि तिवारी पर झारखंड के अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज है. आकाश राय उर्फ मोनू सिमडेगा, जबकि सुजीत सिन्हा हजारीबाग और हरी तिवारी खूंटी राज्य के अलग-अलग जेल में फिलहाल बंद हैं. सुजीत सिन्हा और हरी तिवारी पलामू के रहने वाले हैं. तीनों पर कई मामले लंबित हैं. इस कारण फिलहाल उन्हें जेल में रहना पड़ेगा.

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पलामूः कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा, आकाश राय उर्फ मोनू और हरी तिवारी को दो अलग-अलग मामलों में पलामू कोर्ट ने बरी कर दिया है. जिस वक्त आकाश राय उर्फ मोनू और हरी तिवारी पर एफआईआर दर्ज की गई थी, उस वक्त दोनों का नाम अमन साव गिरोह से नहीं जुड़ा था. सोमवार को पलामू कोर्ट ने रंगदारी और आर्म्स एक्ट के अलग-अलग मामलों में साक्ष्य के अभाव में तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है.

साक्ष्य के अभाव में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

इस संबंध में बचाव पक्ष के अधिवक्ता चितरंजन पांडेय ने बताया कि साक्ष्य के अभाव के कारण तीनों को बरी किया गया है. तीनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था.

कारोबारी से रंगदारी मांगने और बम फेंकने का है मामला

वर्ष 2017 में पलामू के प्रसिद्ध कारोबारी पवन केजरीवाल से 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने के आरोप में तीनों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं 2017 में ही पलामू एजेंसी पर बम फेंका गया था. दोनों मामले में सुजीत सिन्हा, आकाश राय और हरी तिवारी को आरोपी बनाया गया था. कोर्ट ने दोनों मामलों में साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी किया है.

तीनों आरोपियों पर झारखंड के विभिन्न थानों में दर्ज हैं केस

दरअसल, सुजीत सिन्हा, आकाश राय और हरि तिवारी पर झारखंड के अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज है. आकाश राय उर्फ मोनू सिमडेगा, जबकि सुजीत सिन्हा हजारीबाग और हरी तिवारी खूंटी राज्य के अलग-अलग जेल में फिलहाल बंद हैं. सुजीत सिन्हा और हरी तिवारी पलामू के रहने वाले हैं. तीनों पर कई मामले लंबित हैं. इस कारण फिलहाल उन्हें जेल में रहना पड़ेगा.

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