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मधुबनी के दंपत्ति शिवम पासवान और शांति देवी को मिला पद्मश्री पुरस्कार, गोदना कला को दिया नया जीवन - Republic Day

Padma Award 2024: गणतंत्र दिवस के मौके पर मधुबनी के दंपत्ति शिवम पासवान और शांति देवी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 34 नामचीन हस्तियों में बिहार के 6 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर.

शिवम पासवान और शांति देवी
शिवम पासवान और शांति देवी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 27, 2024, 8:13 AM IST

  • बिहार के स्व॰ बिंदेश्वर पाठक जी को मरणोपरांत सामाजिक कार्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘पद्म विभूषण’ मिलना प्रसन्नता का विषय है। बिहार के ही डॉ॰ चंदेश्वर प्रसाद ठाकुर जी को मेडिसिन के क्षेत्र में ‘पद्म भूषण’, श्रीमती शांति देवी पासवान जी एवं श्री शिवम पासवान जी…

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) January 26, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मधुबनी: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कारों को लेकर एलान किया गया. पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मधुबनी जिले से एक दंपत्ति के नाम की भी घोषणा की गई. गोदना पेंटिंग को लेकर मधुबनी जिले के लहेरियागंज वार्ड नंबर एक के शिवम पासवान और उनकी पत्नी शांति देवी का नाम इसमें शामिल हुआ. शिवम पासवान और उनकी पत्नी शांति देवी का गोदना कला में काफी योगदान रहा है.

इस कला के लिए मिला पद्म पुरस्कार: गोदना कला को नया जीवन देने वाले शिवम पासवान और उनकी पत्नी हैं, जिन्होंने लुप्त होते इसे कला पर एक बार फिर से काम किया है. शिवम पासवान ने कहा कि उन लोगों की "मेहनत रंग लाई है. सामाजिक विभेद के दंश पर पुरस्कार ने मरहम का काम किया है. पिछड़ा वर्ग से आने के कारण समाज में काफी भेदभाव था. वहीं कला के प्रति काफी प्रेम था. पति-पत्नी समाज के तानों पर बिना ध्यान दिए हुए आगे बढ़ते रहे. आरंभ के दिनों में विभिन्न देवी-देवताओं की पेंटिंग बनाते थे इसके कारण समाज के कुछ लोग मना करते थे कि अपने देवी-देवताओं की कला मत बनाओ."

दूसरों को करा रहे हैं कला से अवगत: दंपत्ति ने अपने समाज के देवता राजा सलहेस की कलाकृतियां बनाई और उसमें रंग भरने लगे. 48 वर्षों की मेहनत का फल उन्हें प्राप्त हुआ है. शांति देवी कहती हैं कि गोदना कला का प्रचार-प्रसार हो इसके लिए 20 हजार से अधिक महिलाओं को कला की बारीकियों से अवगत कराया है. इस दौरान कई देशों में प्रदर्शनी भी लगाई है. आखिरकार हमें यह सफलता अब मिली है.

"हमारी सफलता से कलाकारों में काफी उत्साह आएगा और वो ऊर्जा से भर जाएंगे. जिससे इस आकृति में जान आएगी, फिलहाल दोनों कलाकार दिल्ली में काफी दिनो से हैं."-शांति देवी, गोदना कलाकार

पढ़ें-G20 Craft Bazaar: भारत मंडपम में दिखी बिहार की कला, नेशनल अवार्ड विनर शांति देवी ने चंद्रयान-3 पर बनाई मधुबनी पेंटिंग

  • बिहार के स्व॰ बिंदेश्वर पाठक जी को मरणोपरांत सामाजिक कार्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘पद्म विभूषण’ मिलना प्रसन्नता का विषय है। बिहार के ही डॉ॰ चंदेश्वर प्रसाद ठाकुर जी को मेडिसिन के क्षेत्र में ‘पद्म भूषण’, श्रीमती शांति देवी पासवान जी एवं श्री शिवम पासवान जी…

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) January 26, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मधुबनी: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कारों को लेकर एलान किया गया. पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मधुबनी जिले से एक दंपत्ति के नाम की भी घोषणा की गई. गोदना पेंटिंग को लेकर मधुबनी जिले के लहेरियागंज वार्ड नंबर एक के शिवम पासवान और उनकी पत्नी शांति देवी का नाम इसमें शामिल हुआ. शिवम पासवान और उनकी पत्नी शांति देवी का गोदना कला में काफी योगदान रहा है.

इस कला के लिए मिला पद्म पुरस्कार: गोदना कला को नया जीवन देने वाले शिवम पासवान और उनकी पत्नी हैं, जिन्होंने लुप्त होते इसे कला पर एक बार फिर से काम किया है. शिवम पासवान ने कहा कि उन लोगों की "मेहनत रंग लाई है. सामाजिक विभेद के दंश पर पुरस्कार ने मरहम का काम किया है. पिछड़ा वर्ग से आने के कारण समाज में काफी भेदभाव था. वहीं कला के प्रति काफी प्रेम था. पति-पत्नी समाज के तानों पर बिना ध्यान दिए हुए आगे बढ़ते रहे. आरंभ के दिनों में विभिन्न देवी-देवताओं की पेंटिंग बनाते थे इसके कारण समाज के कुछ लोग मना करते थे कि अपने देवी-देवताओं की कला मत बनाओ."

दूसरों को करा रहे हैं कला से अवगत: दंपत्ति ने अपने समाज के देवता राजा सलहेस की कलाकृतियां बनाई और उसमें रंग भरने लगे. 48 वर्षों की मेहनत का फल उन्हें प्राप्त हुआ है. शांति देवी कहती हैं कि गोदना कला का प्रचार-प्रसार हो इसके लिए 20 हजार से अधिक महिलाओं को कला की बारीकियों से अवगत कराया है. इस दौरान कई देशों में प्रदर्शनी भी लगाई है. आखिरकार हमें यह सफलता अब मिली है.

"हमारी सफलता से कलाकारों में काफी उत्साह आएगा और वो ऊर्जा से भर जाएंगे. जिससे इस आकृति में जान आएगी, फिलहाल दोनों कलाकार दिल्ली में काफी दिनो से हैं."-शांति देवी, गोदना कलाकार

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