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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी हो सकती है प्रभावित, मांगों को लेकर हड़ताल पर सहकारी समितियां

छ्त्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ तीन सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर है.जिससे धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.

Paddy procurement may be affected
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी हो सकती है प्रभावित (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 6, 2024, 7:10 PM IST

रायपुर : रायपुर सहित सभी जिलों में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होनी है. जिसके लिए शासन प्रशासन ने तैयारी भी लगभग पूरी कर ली है. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर संभाग स्तर पर आंदोलन पर हैं. संघ का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती है, तो 14 नवंबर से पूरे प्रदेश में होने वाली धान खरीदी पर इसका सीधा असर पड़ेगा. जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ेगा.किसानों का धान सहकारी समितियो में नहीं बिक पाएगा.



कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांग : छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र साहू ने बताया कि संघ की तीन सूत्रीय मांग है. जिसमें पहला सूखे हुए धन का प्रावधान किया जाए. दूसरा मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर प्रदेश के सभी समितियां को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए ताकि कर्मचारियों को हर माह समय पर वेतन मिल सके. तीसरा सेवा नियम 2018 बना हुआ है. संशोधन के लिए पंजीयक के पास लंबित है.

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी हो सकती है प्रभावित (ETV Bharat Chhattisgarh)

संगठन की मांग के अनुसार संशोधित कर सेवा नियम जारी किया जाए. सरकार इन तीन सूत्रीय मांग को अगर पूरा नहीं करती है तो 14 नवंबर से प्रदेश में होने वाली धान खरीदी प्रभावित होगी. जिसका नुकसान प्रदेश के किसानों को उठाना पड़ेगा- नरेंद्र साहू, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ

क्या है समिति की परेशानी ?: आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2058 सहकारी समिति के कर्मचारी हैं. पूरे प्रदेश में 2739 धान खरीदी केंद्र हैं. लेकिन इस साल धान खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ भी सकती है. पिछले साल पूरे प्रदेश में 144 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी सहकारी समिति के कर्मचारियों ने की थी. कई बार सरकार के द्वारा समय पर खरीदे हुए धान का उठाव नहीं होने के कारण धान सूख जाता है. जिसका खामियाजा सहकारी समिति के कर्मचारियों को भुगतना होता है.ओलावृष्टि आंधी तूफान प्राकृतिक आपदा और चूहों के खाने से भी धान की मात्रा कम हो जाती है. इसके साथ ही सहकारी समिति में काम करने वाले कई कर्मचारियों को 6 महीने से लेकर साल भर तक का वेतन भी नहीं मिल पाया है. जिसके कारण सहकारी समिति में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी रोजी-रोटी और परिवार चलाने में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.


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कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांग : छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र साहू ने बताया कि संघ की तीन सूत्रीय मांग है. जिसमें पहला सूखे हुए धन का प्रावधान किया जाए. दूसरा मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर प्रदेश के सभी समितियां को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए ताकि कर्मचारियों को हर माह समय पर वेतन मिल सके. तीसरा सेवा नियम 2018 बना हुआ है. संशोधन के लिए पंजीयक के पास लंबित है.

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संगठन की मांग के अनुसार संशोधित कर सेवा नियम जारी किया जाए. सरकार इन तीन सूत्रीय मांग को अगर पूरा नहीं करती है तो 14 नवंबर से प्रदेश में होने वाली धान खरीदी प्रभावित होगी. जिसका नुकसान प्रदेश के किसानों को उठाना पड़ेगा- नरेंद्र साहू, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ

क्या है समिति की परेशानी ?: आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2058 सहकारी समिति के कर्मचारी हैं. पूरे प्रदेश में 2739 धान खरीदी केंद्र हैं. लेकिन इस साल धान खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ भी सकती है. पिछले साल पूरे प्रदेश में 144 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी सहकारी समिति के कर्मचारियों ने की थी. कई बार सरकार के द्वारा समय पर खरीदे हुए धान का उठाव नहीं होने के कारण धान सूख जाता है. जिसका खामियाजा सहकारी समिति के कर्मचारियों को भुगतना होता है.ओलावृष्टि आंधी तूफान प्राकृतिक आपदा और चूहों के खाने से भी धान की मात्रा कम हो जाती है. इसके साथ ही सहकारी समिति में काम करने वाले कई कर्मचारियों को 6 महीने से लेकर साल भर तक का वेतन भी नहीं मिल पाया है. जिसके कारण सहकारी समिति में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी रोजी-रोटी और परिवार चलाने में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.


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