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महावीर हार्ट हॉस्पीटल में 5 साल की बच्ची की दुर्लभ सर्जरी, बगैर चीरा लगाए डॉक्टरों ने पेसमेकर लगाकर बचाई जान - Heart Surgery In Patna

Mahavir Heart Hospital Patna: पटना के महावीर हार्ट हॉस्पीटल में 5 साल की बच्ची की अनोखी सर्जरी हुई है. डॉक्टरों ने बच्ची के हार्ट में बगैर चीरा लगाए पेसमेकर लगाकर उसकी जान बचाई है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Mahavir Heart Hospital Patna
महावीर हार्ट हॉस्पीटल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 14, 2024, 12:37 PM IST

पटना: महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित महावीर हार्ट हॉस्पीटल में 5 साल की छोटी बच्ची के हार्ट में बगैर चीरा लगाए पेसमेकर लगाया गया है. महावीर वात्सल्य अस्पताल भवन की छठी मंजिल पर स्थित महावीर हार्ट हॉस्पीटल में बाल हृदय रोग डाॅ मेजर प्रभात कुमार की टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है. डाॅ प्रभात ने बताया कि सामान्य तौर पर इतने छोटे बच्चे को पेसमेकर लगाने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी करनी होती है.

बिना चीरा लगाए कैसे लगा पेसमेकर: बक्सर की रहने वाली वर्षा कुमारी की 5 वर्षीया पुत्री को महावीर हार्ट हॉस्पीटल में बगैर चीरा लगाए नस के द्वारा पेसमेकर लगाया गया है. इस प्रक्रिया को मेडिकल टर्म में ट्रांसवेनस कहा जाता है. डाॅ मेजर प्रभात कुमार ने दावा किया कि ट्रांसवेनस विधि से इतने छोटे बच्चे को पेसमेकर लगाने का बिहार का यह पहला मामला है. इस जटिल प्रक्रिया में डाॅ प्रभात कुमार के साथ डाॅ आशीष गोलवारा, डाॅ आदित्य, टेक्नीशियन चंदन समेत अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल रहे. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने डाॅक्टरों की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है.

कम्पलीट हार्ट था ब्लॉक: डाॅक्टर मेजर प्रभात कुमार ने बताया कि सामान्य तौर पर वयस्क मरीजों को इस प्रक्रिया से पेसमेकर लगाया जाता है. बच्ची जब अस्पताल में एडमिट हुई तब बच्ची की धड़कन धीमी चल रही थी. इसके अलावा चेहरे और मुंह पर सूजन था. बच्ची का ईसीजी जांच कराया गया और ईसीजी जांच में कम्पलीट हार्ट ब्लॉक और हृदय में छेद पाया गया. डॉक्टर मेजर प्रभात कुमार ने बताया कि इमरजेंसी हालात में उसे पेसमेकर लगाया गया. फिर दूरबीन विधि द्वारा उसके हृदय में छेद को बन्द किया गया.

"पीडीए डिवाइस क्लोजर तकनीक से बच्ची के हृदय के छेद को बन्द किया गया है. बच्ची अब स्वस्थ है और रविवार शाम को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी."-मेजर प्रभात कुमार, डॉक्टर

पढ़ें-बिहार में 22 दिन के बच्चे के हार्ट में हुआ बड़ा छेद, डॉक्टरों ने ऐसे बचायी बच्चे की जान - Hole in Heart Child

पटना: महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित महावीर हार्ट हॉस्पीटल में 5 साल की छोटी बच्ची के हार्ट में बगैर चीरा लगाए पेसमेकर लगाया गया है. महावीर वात्सल्य अस्पताल भवन की छठी मंजिल पर स्थित महावीर हार्ट हॉस्पीटल में बाल हृदय रोग डाॅ मेजर प्रभात कुमार की टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है. डाॅ प्रभात ने बताया कि सामान्य तौर पर इतने छोटे बच्चे को पेसमेकर लगाने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी करनी होती है.

बिना चीरा लगाए कैसे लगा पेसमेकर: बक्सर की रहने वाली वर्षा कुमारी की 5 वर्षीया पुत्री को महावीर हार्ट हॉस्पीटल में बगैर चीरा लगाए नस के द्वारा पेसमेकर लगाया गया है. इस प्रक्रिया को मेडिकल टर्म में ट्रांसवेनस कहा जाता है. डाॅ मेजर प्रभात कुमार ने दावा किया कि ट्रांसवेनस विधि से इतने छोटे बच्चे को पेसमेकर लगाने का बिहार का यह पहला मामला है. इस जटिल प्रक्रिया में डाॅ प्रभात कुमार के साथ डाॅ आशीष गोलवारा, डाॅ आदित्य, टेक्नीशियन चंदन समेत अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल रहे. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने डाॅक्टरों की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है.

कम्पलीट हार्ट था ब्लॉक: डाॅक्टर मेजर प्रभात कुमार ने बताया कि सामान्य तौर पर वयस्क मरीजों को इस प्रक्रिया से पेसमेकर लगाया जाता है. बच्ची जब अस्पताल में एडमिट हुई तब बच्ची की धड़कन धीमी चल रही थी. इसके अलावा चेहरे और मुंह पर सूजन था. बच्ची का ईसीजी जांच कराया गया और ईसीजी जांच में कम्पलीट हार्ट ब्लॉक और हृदय में छेद पाया गया. डॉक्टर मेजर प्रभात कुमार ने बताया कि इमरजेंसी हालात में उसे पेसमेकर लगाया गया. फिर दूरबीन विधि द्वारा उसके हृदय में छेद को बन्द किया गया.

"पीडीए डिवाइस क्लोजर तकनीक से बच्ची के हृदय के छेद को बन्द किया गया है. बच्ची अब स्वस्थ है और रविवार शाम को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी."-मेजर प्रभात कुमार, डॉक्टर

पढ़ें-बिहार में 22 दिन के बच्चे के हार्ट में हुआ बड़ा छेद, डॉक्टरों ने ऐसे बचायी बच्चे की जान - Hole in Heart Child

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