जयपुर. उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद भाजपा शासित राज्यों में सरकारों ने पेपर लीक को लेकर कड़ा रुख अपनाया हुआ है. इधर, राजस्थान में सत्ता की कमान संभालने के बाद से ही भजनलाल सरकार पेपर लीक और नकल गिरोह को लेकर सख्ती दिखा रही है. राजस्थान में अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले गिरोहों में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी भी शामिल रहे हैं. प्रदेश की चार बड़ी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक में अब तक 50 से अधिक सरकारी कर्मचारी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं. इनमें पुलिस कांस्टेबल से लेकर सरकारी शिक्षक और व्याख्याता भी शामिल हैं.
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 के पेपर लीक मामले में सबसे ज्यादा 23 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. पहले इन्हें निलंबित किया गया था, जिनमें से कई के खिलाफ विभागीय जांच जारी है. इसके बाद साल 2022 में शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य रहे बाबूलाल कटारा की भूमिका सामने आई तो सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए दोषी कर्मचारियों को बर्खास्त करना शुरू किया. अब तक 12 कर्मचारी बर्खास्त हो चुके हैं.
भाई, पत्नी और खुद के लिए किया पेपर का जुगाड़ : सवाई माधोपुर के कांस्टेबल देवेंद्र और हेड कांस्टेबल यदुवीर सिंह ने गिरोह से रीट का पेपर लेकर अपनी पत्नी को दिया. धौलपुर के कांस्टेबल परमवीर ने खुद के लिए पेपर का जुगाड़ किया, जबकि एक अन्य कांस्टेबल दिगंबर ने अपने भाई और बहन के लिए गिरोह से पेपर लिया. जयपुर कमिश्नरेट के कांस्टेबल उमेश ने पेपर लेकर कई अभ्यर्थियों को बांटा था.
शिक्षक भर्ती परीक्षा का मास्टरमाइंड ही शिक्षक : आरपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक गिरोह का मास्टरमाइंड शेरसिंह उर्फ अनिल मीणा खुद सरकारी स्कूल में शिक्षक था. इस गिरोह में उसके साथ कई और लोग भी शामिल थे. इसके अलावा अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक गिरोह में इंजीनियर, ग्राम विकास अधिकारी, प्रबोधक, सूचना सहायक और लाइनमैन भी जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़े हैं.
विभागों से पत्राचार कर रही एसओजी : एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह के अनुसार जेईएन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह के चार आरोपियों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया है. इनमें एक अध्यापक और तीन सरकारी कर्मचारी हैं. इसके अलावा अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में भी सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गई है. इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसओजी ने संबंधित विभागों को पत्र लिखा है.
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पेपर लीक पर अंकुश लगाना सरकार की प्राथमिकता : राजस्थान में सत्ता की कमान संभालने के बाद पेपर लीक गिरोह के खिलाफ सख्ती भजनलाल सरकार की प्राथमिकता है. सीएम ने शपथ लेने के अगले ही दिन पेपर लीक के खिलाफ एसआईटी का गठन किया था. इस एसआईटी ने पेपर लीक गिरोह से जुड़े कई कई फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब आगामी दिनों में होने वाली भर्तियों पर इसका कितना असर होता है. इस पर सबकी निगाहें होंगी.
आरपीएससी और चयन बोर्ड ने भी बदला पैटर्न : सरकारी विभागों में भर्ती के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर राजस्थान लोकसेवा आयोग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी अपना पैटर्न बदल लिया है. अब हर प्रश्न के पांच विकल्प दिए जाएंगे. अगर किसी अभ्यर्थी को प्रश्न का जवाब नहीं आता है तो वह ओएमआर शीट में पांचवे गोले पर मार्क करेगा, ताकि बाद में ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की संभावना नहीं रहे.
कौनसी भर्ती के पेपर लीक में कितने सरकारी कर्मचारी
- राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 के पेपर लीक में एसओजी ने 23 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है.
- वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक मामले में 14 कर्मचारी एसओजी के हत्थे चढ़े हैं.
- जूनियर इंजीनियर भर्ती के पेपर लीक मामले में 7 कर्मचारियों को एसओजी ने दबोचा है.
- पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में 3 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है.
- 10 से अधिक कर्मचारियों को अलग-अलग जिलों की पुलिस ने पेपर लीक मामलों में दबोचा है.