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वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा प्राप्त परकोटे के अंदर 150 से ज्यादा जर्जर मकान, निगम की कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक सीमित! - Parkota Area of Jaipur

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 29, 2024, 10:23 AM IST

Updated : Aug 29, 2024, 1:38 PM IST

जयपुर का परकोटा क्षेत्र, जिसे वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा प्राप्त है, आज जर्जर मकानों से इसकी छवि धूमिल हो रही है. यहां एक दो नहीं 150 से अधिक मकान बदहाल हालत में हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. कई हादसे हो भी चुके हैं, लेकिन निगम की कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक ही सीमित नजर आ रही है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

जयपुर के परकोटे में जर्जर मकान
जयपुर के परकोटे में जर्जर मकान (ETV Bharat Jaipur)
परकोटे के अंदर 100 से ज्यादा जर्जर मकान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : दुनियाभर में अपनी पहचान रखने वाले जयपुर शहर के परकोटे में करीब 150 से ज्यादा भवन जर्जर हैं, जिन्हें न तो संवारा जा रहा है और न ही ढहाया जा रहा है. ऐसे में ये भवन स्थानीय लोगों के लिए खतरे की घंटी बने हुए हैं, लेकिन निगम प्रशासन सिर्फ नोटिस देकर खुद की पीठ थपथपा रहा है. वहीं, जिन शक्तियों के तहत निगम को नोटिस देने का अधिकार है, उन्हीं शक्तियों के तहत निगम इन जर्जर इमारतों को गिरा भी सकता है.

150 से ज्यादा भवन जर्जर : हाल ही में जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित तोपखाना के रास्ते में एक जर्जर मकान का हिस्सा भरभरा कर गिर गया, जिसमें एक व्यक्ति की दबने से मौत भी हो गई. इस मकान को भी निगम प्रशासन ने नोटिस दिया था, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. नतीजा एक व्यक्ति काल का ग्रास बना. शहर की चारदीवारी में अभी भी इक्का-दुक्का नहीं बल्कि 150 से ज्यादा भवन ऐसे हैं, जो न सिर्फ जयपुर की साख पर बट्टा लगा रहे हैं, बल्कि दुर्घटना को भी न्योता दे रहे हैं.

ये है क्षेत्र की स्थिति
ये है क्षेत्र की स्थिति (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. धराशाई होकर गिरा जर्जर मकान, मलबे में दबने से एक व्यक्ति की मौत - House Collapsed in Jaipur

भवन मालिक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे : पुराने शहर में नाटाणियों का रास्ता, व्यास जी की गली, खेजड़ों का रास्ता, दीनानाथ जी की गली और घाटगेट के नजदीक ऐसे कई मकान देखने को मिल जाएंगे, जो चीख-चीख कर अपनी मरम्मत की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन भवन मालिक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे. नतीजन अब ये जर्जर भवन आस-पास के लोगों के लिए भी खतरा बन गए हैं. हेरिटेज नगर निगम प्रशासन ने ऐसे मकानों को चिह्नित कर भवन मालिकों को नोटिस जरूर थमाए हैं.

महज 1 भवन को ध्वस्त किया गया : जर्जर मकानों को चिह्नित कर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 के तहत भवन मालिकों को नोटिस जारी किए गए, जिसमें स्पष्ट लिखा गया कि या तो मकान खाली कर ढहा दें, या फिर मरम्मत कर इसे सुरक्षित करें. साथ ही चेतावनी भी दी गई कि यदि भवन मालिक मकान ध्वस्त नहीं करता है, तो निगम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा. हालांकि, कार्रवाई के नाम पर किशनपोल जोन में महज 1 भवन को ध्वस्त किया गया.

दीवार ढहने से हो चुके हैं हादसे
दीवार ढहने से हो चुके हैं हादसे (ETV Bharat Jaipur)

चिह्नित इमारत को नोटिस दिया गया : वहीं, हेरिटेज निगम के डीसी लैंड श्रवण कुमार विश्नोई ने बताया कि हर जोन में जोन उपायुक्त से सर्वे कराया गया था. साथ ही चिह्नित इमारत को नोटिस दिया गया था कि बारिश का मौसम है, भवन जर्जर अवस्था में है, इसलिए सुरक्षा संबंधी सभी उपाय करें. इसमें रहवास नहीं करें, ताकि बारिश के समय यदि कोई हादसा होता है तो जान-माल को किसी तरह की हानि न हो. ऐसे मकानों में यदि कोई रहता मिला तो उन्हें नोटिस हैंडओवर किया गया और खाली था तो भवन पर नोटिस चस्पा किया गया.

पढे़ं. जल्द टूटेगी प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की बिल्डिंग ! जानिए क्यों - SMS Hospital

इमारत को दुरुस्त करवाएं या फिर तोड़ें : उन्होंने बताया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 में ये प्रोविजन है यदि इमारत बहुत ज्यादा बदहाल हो और आस-पड़ोस के लोग भी नुकसान होने के अंदेशे के चलते इसे ढहाने की डिमांड करते हैं तो ऐसी स्थिति में संबंधित भवन मालिक को नोटिस दिया जाता है. उनसे कहा जाता है कि इमारत को दुरुस्त करवाएं या फिर तोड़ें. फिर भी भवन मालिक ऐसा नहीं करता है तो फिर तकनीकी अधिकारियों की ओर से विस्तृत जांच के बाद सुरक्षा उपाय अपनाते हुए संबंधित इमारत को तोड़ते हैं.

जर्जर हालत में कई मकान
जर्जर हालत में कई मकान (ETV Bharat Jaipur)

हालांकि जानकारों की मानें तो बहुत से मामलों में विवाद होने के चलते न तो इस तरह के भवनों की मरम्मत की जा रही है और न ही उन्हें तोड़ा जा रहा है. बहरहाल निगम की सूची में कई जर्जर मकान 150 साल पुराने भी हैं, जिनकी दीवारों पर से चूना हट चुका है और अब वे सिर्फ पत्थरों की दीवारों पर टिके हैं. बावजूद इसके निगम की कार्रवाई महज कागजों तक सीमित है. मानों निगम किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा हो.

परकोटे के अंदर 100 से ज्यादा जर्जर मकान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : दुनियाभर में अपनी पहचान रखने वाले जयपुर शहर के परकोटे में करीब 150 से ज्यादा भवन जर्जर हैं, जिन्हें न तो संवारा जा रहा है और न ही ढहाया जा रहा है. ऐसे में ये भवन स्थानीय लोगों के लिए खतरे की घंटी बने हुए हैं, लेकिन निगम प्रशासन सिर्फ नोटिस देकर खुद की पीठ थपथपा रहा है. वहीं, जिन शक्तियों के तहत निगम को नोटिस देने का अधिकार है, उन्हीं शक्तियों के तहत निगम इन जर्जर इमारतों को गिरा भी सकता है.

150 से ज्यादा भवन जर्जर : हाल ही में जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित तोपखाना के रास्ते में एक जर्जर मकान का हिस्सा भरभरा कर गिर गया, जिसमें एक व्यक्ति की दबने से मौत भी हो गई. इस मकान को भी निगम प्रशासन ने नोटिस दिया था, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. नतीजा एक व्यक्ति काल का ग्रास बना. शहर की चारदीवारी में अभी भी इक्का-दुक्का नहीं बल्कि 150 से ज्यादा भवन ऐसे हैं, जो न सिर्फ जयपुर की साख पर बट्टा लगा रहे हैं, बल्कि दुर्घटना को भी न्योता दे रहे हैं.

ये है क्षेत्र की स्थिति
ये है क्षेत्र की स्थिति (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. धराशाई होकर गिरा जर्जर मकान, मलबे में दबने से एक व्यक्ति की मौत - House Collapsed in Jaipur

भवन मालिक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे : पुराने शहर में नाटाणियों का रास्ता, व्यास जी की गली, खेजड़ों का रास्ता, दीनानाथ जी की गली और घाटगेट के नजदीक ऐसे कई मकान देखने को मिल जाएंगे, जो चीख-चीख कर अपनी मरम्मत की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन भवन मालिक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे. नतीजन अब ये जर्जर भवन आस-पास के लोगों के लिए भी खतरा बन गए हैं. हेरिटेज नगर निगम प्रशासन ने ऐसे मकानों को चिह्नित कर भवन मालिकों को नोटिस जरूर थमाए हैं.

महज 1 भवन को ध्वस्त किया गया : जर्जर मकानों को चिह्नित कर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 के तहत भवन मालिकों को नोटिस जारी किए गए, जिसमें स्पष्ट लिखा गया कि या तो मकान खाली कर ढहा दें, या फिर मरम्मत कर इसे सुरक्षित करें. साथ ही चेतावनी भी दी गई कि यदि भवन मालिक मकान ध्वस्त नहीं करता है, तो निगम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा. हालांकि, कार्रवाई के नाम पर किशनपोल जोन में महज 1 भवन को ध्वस्त किया गया.

दीवार ढहने से हो चुके हैं हादसे
दीवार ढहने से हो चुके हैं हादसे (ETV Bharat Jaipur)

चिह्नित इमारत को नोटिस दिया गया : वहीं, हेरिटेज निगम के डीसी लैंड श्रवण कुमार विश्नोई ने बताया कि हर जोन में जोन उपायुक्त से सर्वे कराया गया था. साथ ही चिह्नित इमारत को नोटिस दिया गया था कि बारिश का मौसम है, भवन जर्जर अवस्था में है, इसलिए सुरक्षा संबंधी सभी उपाय करें. इसमें रहवास नहीं करें, ताकि बारिश के समय यदि कोई हादसा होता है तो जान-माल को किसी तरह की हानि न हो. ऐसे मकानों में यदि कोई रहता मिला तो उन्हें नोटिस हैंडओवर किया गया और खाली था तो भवन पर नोटिस चस्पा किया गया.

पढे़ं. जल्द टूटेगी प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की बिल्डिंग ! जानिए क्यों - SMS Hospital

इमारत को दुरुस्त करवाएं या फिर तोड़ें : उन्होंने बताया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 में ये प्रोविजन है यदि इमारत बहुत ज्यादा बदहाल हो और आस-पड़ोस के लोग भी नुकसान होने के अंदेशे के चलते इसे ढहाने की डिमांड करते हैं तो ऐसी स्थिति में संबंधित भवन मालिक को नोटिस दिया जाता है. उनसे कहा जाता है कि इमारत को दुरुस्त करवाएं या फिर तोड़ें. फिर भी भवन मालिक ऐसा नहीं करता है तो फिर तकनीकी अधिकारियों की ओर से विस्तृत जांच के बाद सुरक्षा उपाय अपनाते हुए संबंधित इमारत को तोड़ते हैं.

जर्जर हालत में कई मकान
जर्जर हालत में कई मकान (ETV Bharat Jaipur)

हालांकि जानकारों की मानें तो बहुत से मामलों में विवाद होने के चलते न तो इस तरह के भवनों की मरम्मत की जा रही है और न ही उन्हें तोड़ा जा रहा है. बहरहाल निगम की सूची में कई जर्जर मकान 150 साल पुराने भी हैं, जिनकी दीवारों पर से चूना हट चुका है और अब वे सिर्फ पत्थरों की दीवारों पर टिके हैं. बावजूद इसके निगम की कार्रवाई महज कागजों तक सीमित है. मानों निगम किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा हो.

Last Updated : Aug 29, 2024, 1:38 PM IST
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