जोधपुर: देश में सुर्खियां बने अनिता चौधरी हत्याकांड मामले में जोधपुर पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी है. पुलिस ने अनिता हत्याकांड में मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबिदा को ही आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. जांच अधिकारी सुनील के पवार ने नियत समय में मामले की जांच कर 30 जनवरी को कोर्ट में यह चार्ज शीट पेश कर दी. जिसमें गुलामुद्दीन द्वारा अनिता की हत्या कर टुकड़ों में काटना और उसकी पत्नी को उसका सहयोगी माना है. दोनों आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं.
जांच अधिकारी सुनील पवार ने बताया कि अनिता चौधरी की हत्या लूट के इरादे से की गई है. 27 अक्टूबर को अनिता अपने पार्लर से गुलामुद्दीन के घर गई, तो वह उसे एस्कॉर्ट कर रहा था. नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश किया गया. उसके पहने हुए जेवर उसने उतार लिए. अपनी पत्नी को उसकी बहन के घर भेज दिया. अगले दिन 28 अक्टूबर को सुबह जब अनिता नहीं उठी, तो वह घबरा गया. बेहोशी की हालत में उसने सिर फोड़ कर हत्या कर दी थी.
शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने सरदारपुरा से एक तेज चाकू खरीदा जिससे छह टुकड़े कर शव गाड़ दिया था. पुलिस ने इस हाइप्रोफाइल मामले में एक प्रॉपर्टी डीलर को भी कई दिनों तक हिरासत में रखा था. लेकिन उसके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले, जिसके चलते उसे छोड़ना पड़ा. फिलहाल पुलिस को अभी अनिता चौधरी के मोबाइल से कुछ सबूत मिलने की उम्मीद है, जो अभी एफएसएल जांच में गया हुआ है. अगर कुछ अन्य तथ्य आते हैं, तो उनको भी पूरक चार्ज शीट में शामिल किया जाएगा.
हत्याकर भागा मुंबई, वापस लौटा, खबरें देख फिर भागा: जांच में सामने आया कि 29 अक्टूबर को गुलामुद्दीन जोधपुर से मुंबई भाग गया था. 3 नवंबर को वह वापस जोधपुर लौटा. अपने रिश्तेदार की दुकान पर गया, तो जोधपुर के अखबार और टीवी चैनल पर अनिता हत्याकांड की खबरें देखीं. इसके बाद वह अशोक उद्यान की तरफ गया. जांच में सीसीटीवी में पुलिस को नजर आया. तब उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए दोबारा मुंबई की राह पकड़ ली थी.
मुंबई की सड़कों पर दौड़ कर पुलिस ने पकड़ा: आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चल रहे धरने के बीच पुलिस पर दबाव बना. जोधपुर से एडीसीपी निशांत भारद्वाज की अगुवाई में एक टीम मुंबई पहुंची. जिसमें लगातार पड़ताल कर मुंबई सेंट्रल से उसे पकड़ा. वह मुंबई के बाद नेपाल जाने की फिराक में था. गुलामुद्दीन को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.
इस दौरान मुंबई में उसे पुलिसकर्मियों ने पकड़ा. जब उससे नाम पूछा और आईडी मांगी, तो उसने गफ्फार के नाम का आईडी प्रूफ दिखाया. एक बार तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया. लेकिन उसकी फोटो अन्य पुलिसकर्मियों ने देखी, तो उन्होंने कहा कि यही गुलामुद्दीन है. जिसके बाद मुंबई की सड़कों पर करीब 500 मीटर तक जोधपुर पुलिस के जवान और एडीसीपी निशांत भारद्वाज ने दौड़ लगाई और गुलामुद्दीन को दबोचा.
13 दिन बाद पोस्टमार्टम, 20 वें दिन अंतिम संस्कार: 27 अक्टूबर को अनिता अपने ब्यूटी पार्लर से निकलकर एक ऑटो से गंगाना स्थित गुलामुद्दीन के घर गई थी. दो दिन घर नहीं आई, तो परिजन थाने पहुंचे. अनिता के फोन की अंतिम लोकेशन से 30 अक्टूबर को पुलिस गंगाना पहुंच गई. जहां गुलामुद्दीन की पत्नी आबिदा को पकड़ा था. आबिदा ने पुलिस को बताया कि गुलामुद्दीन ने उसकी हत्या कर दी है. जिसके बाद खुदाई करने पर अनिता का शव छह टुकड़ों में मिला था.
इस दौरान गुलामुद्दीन जोधपुर से भाग गया था. इस मामले को लेकर जाट समाज का धरना शुरू हो गया. शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया. सीबीआई से जांच की मांग हुई. सरकार ने भी जांच सीबीआई से करवाने के लिए पत्र लिखा. इस दौरान 14 नवंबर को पुलिस ने अपने स्तर पर पोस्टमार्टम करवा लिया था. जबकि धरना समाप्त होने पर 19 नवंबर को अंतिम संस्कार हुआ था.