छपरा: भारतवर्ष प्रतिभाओं का देश है और यहां पर प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिनमें कुछ विशेष करने की तमन्ना होती है. लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी होती है कि वह विशेष नहीं कर पाते हैं और उनकी प्रतिभाएं असमय दम तोड़ देती हैं.
आर्थित रूप से कमजोर बच्चे भी कर सकेंगे पढ़ाई: ऐसे छात्र-छात्रा जिनके पास काफी प्रतिभा है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह कुछ विशेष नहीं कर पाए, उनकी मदद के लिए कई संस्था आगे आ रही हैं. आर्थिक कारण से अच्छी शिक्षा नहीं पाने वाले छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति के माध्यम से आर्थिक मदद की जाएगी. उन्हें एमबीए,बीटेक और अन्य कोर्स करने के लिए भी विशेष सहायता उपलब्ध की जाएगी.
पूरे देश में लिया जाएगा एग्जाम: शिक्षा आधारित इस कार्यक्रम को करने के लिए एक संस्था ने यह प्रयास शुरू किया है जो बच्चे आर्थिक सामाजिक कारण से आगे की शिक्षा नहीं ले पाते उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराएंगी. संस्था के डायरेक्टर ने कहा कि हम लोगों ने इस पर विशेष ध्यान दिया है कि बच्चे पिछड़े नहीं.हम लोग प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक एग्जाम पूरे भारत में लेंगे.
"टेस्ट में मेधा के आधार पर सुविधाएं दी जाएंगी. इसमें सफल बच्चे को सिक्स क्लास 600 ,7 क्लास को 700, 8th क्लास को 800, 9 क्लास को 900 और 10th क्लास को 1000 स्कॉलरशिप प्रतिमाह दिया जाएगा. उसके बाद आगे बच्चे जैसी पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें वैसी पढ़ाई मुहैया कराई जाएगी."- संस्था के डायरेक्टर
10 लाख बच्चों से एग्जाम का लक्ष्य: उन्होंने बताया कि यह ऑनलाइन परीक्षा होगा और इसकी फीस प्री मेट्रिक 750 पोस्ट मैट्रिक 950 रखी गई है. इसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा. एग्जाम में निकलने के बाद बच्चे जहां जिस संस्था जिस फैकल्टी में पढ़ना चाहे उनका नामांकन करवाया जाएगा. उसकी फीस संस्था देगी.विकलांगो को पूरी सुविधा निशुल्क दी जाएगी. इस बार पूरे भारत में 10 लाख बच्चों से एग्जाम लेने का लक्ष्य रखा गया है.