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झुंझुनू की संतोष दे गई 3 जरूरतमंदों को जिंदगी, SMS मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर सफल कैडेवर ट्रांसप्लांट - world organ donation Day 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 13, 2024, 12:00 PM IST

Organ donation in SMS hospital, आज 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस के दिन झुंझुनू की संतोष इस दुनिया से जाने के बाद भी 3 जरूरतमंदों मरीजों को अपने अंग दे गई, जिससे तीन लोगों को नया जीवन मिला है.

WORLD ORGAN DONATION DAY 2024
CADAVER TRANSPLANT IN SMS HOSPITAL (FILE PHOTO)

जयपुर. 13 अगस्त विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन झुंझुनू की संतोष इस दुनिया से जाने के बाद भी 3 जरूरतमंदों मरीजों को नया जीवन दे गई. दरअसल झुंझुनू निवासी 46 वर्षीय संतोष का पिछले दिनों एक्सीडेंट हुआ था, जिसके बाद इलाज के लिए परिजन संतोष को SMS हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे, जहां उनका इलाज ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा था लेकिन इलाज के दौरान चिकित्सकों ने संतोष को ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने बताया कि मरीज की ब्रेन डेड होने के बाद उनके परिजनों की काउंसलिंग की गई और ऑर्गन डोनेशन के लिए परिजनों को तैयार किया गया, जिसके बाद परिजन ब्रेन डेड मरीज के अंग डोनेट करने के लिए तैयार हो गए.

इसे भी पढ़ें : "जब आंखों की रोशनी गई तब समझी उजाले की अहमियत", जानिए भावना के संघर्ष की कहानी - world organ donation Day 2024

SMS में ही दोनों किडनियों का प्रत्यारोपण : ब्रेनडेड संतोष का लिवर जयपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भेजा गया, जहां चिकित्सकों द्वारा लीवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा. इसके अलावा 46 वर्षीय संतोष की दोनों किडनियों को SMS अस्पताल में प्रत्यारोपण किया जा रहा है. डॉक्टर मनीष अग्रवाल का कहना है कि अंगदान को लेकर अस्पताल में हाल ही में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था और लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है. मौजूदा समय में ऐसे मरीजों की संख्या काफी अधिक है जिन्हें जिंदगी से जंग लड़ने के लिए अंगों की आवश्यकता है.

जयपुर. 13 अगस्त विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसी दिन झुंझुनू की संतोष इस दुनिया से जाने के बाद भी 3 जरूरतमंदों मरीजों को नया जीवन दे गई. दरअसल झुंझुनू निवासी 46 वर्षीय संतोष का पिछले दिनों एक्सीडेंट हुआ था, जिसके बाद इलाज के लिए परिजन संतोष को SMS हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे, जहां उनका इलाज ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा था लेकिन इलाज के दौरान चिकित्सकों ने संतोष को ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने बताया कि मरीज की ब्रेन डेड होने के बाद उनके परिजनों की काउंसलिंग की गई और ऑर्गन डोनेशन के लिए परिजनों को तैयार किया गया, जिसके बाद परिजन ब्रेन डेड मरीज के अंग डोनेट करने के लिए तैयार हो गए.

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SMS में ही दोनों किडनियों का प्रत्यारोपण : ब्रेनडेड संतोष का लिवर जयपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भेजा गया, जहां चिकित्सकों द्वारा लीवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा. इसके अलावा 46 वर्षीय संतोष की दोनों किडनियों को SMS अस्पताल में प्रत्यारोपण किया जा रहा है. डॉक्टर मनीष अग्रवाल का कहना है कि अंगदान को लेकर अस्पताल में हाल ही में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था और लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है. मौजूदा समय में ऐसे मरीजों की संख्या काफी अधिक है जिन्हें जिंदगी से जंग लड़ने के लिए अंगों की आवश्यकता है.

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