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ओरछा रामराजा दरबार से साल 2025 की शुरुआत, यहां से करें बुंदेली राजधानी का दीदार - ORCHHA MANDIR IN NEW YEAR 2025

नए साल पर मध्यप्रदेश के ओरछा में देंगे रामराजा दर्शन. श्रद्दालुओं के लिए बुंदेली राजधानी में खास तैयारी. यहां से चलता है रामराजा सरकार का शासन.

ORCHHA RAMRAJA SARKAR TEMPLE NEW YEAR
नए साल की शुरुआत ओरछा के रामराजा के साथ (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 13 hours ago

Updated : 13 hours ago

ओरछा (रुपेंद्र राय/पीयूष सिंह राजपूत): नव वर्ष आने में बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में इसे खास बनाने के लिए लोग बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाली धार्मिक नगरी ओरछा पहुंचते हैं. दरअसल, निवाड़ी जिले के ओरछा में प्रभु श्री राम 'रामराजा सरकार' के रूप में विराजमान हैं. ऐसे में यहां नव वर्ष राजसी अंदाज में मनाया जाता है और इस पल के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से पर्यटक व श्रृद्धालु ऐतिहासिक नगरी ओरछा पहुंचते हैं. इस आर्टिकल में जानें कि क्यों ओरछा को कहा जाता है बुंदेलखंड की अयोध्या? मंदिर से जुड़ी मान्यताएं और नव वर्ष पर होने जा रहे आयोजनों के बारे में.

क्यों कहा जाता है बुंदेलखंड की अयोध्या?

इतिहासकार हेमंत गोस्वामी बताते हैं, '' मान्यता है कि अयोध्या की तरह यहां भी भगवान राम विराजमान हैं. यहां प्रभु श्री राम 'राजा' के रूप में शासन संभालते हैं और दिन के वक्त यहीं रहते हैं. वहीं शाम के वक्त वे वापस अयोध्या लौट जाते हैं. इसलिए इसे 'बुंदेलखंड की अयोध्या' कहा जाता है. राजा के रूप में होने की वजह से भगवान राम का यहां राजसी सत्कार होता है. बाकायदा हर रोज चार पहर रामराजा सरकार को मध्यप्रदेश पुलिस के सशस्त्र जवान गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं. यह परंपरा यहां अंग्रेजी के जमाने से चली आ रही है. खास बात ये है कि रामराजा सरकार के अलावा ओरछा में किसी भी वीआईपी को सलामी नहीं दी जाती.''

orchha ram mandir new year celebration
ओरछा राम मंदिर (Etv Bharat)

क्या हैं मंदिर से जुड़ी मान्यताएं?

इतिहासकार गोस्वामी आगे कहते हैं, '' मान्यताओं के अनुसार ओरछा के शासक मधुकर शाह की पत्नी अपनी राम भक्ति के चलते भगवान राम को अयोध्या से अपने साथ लाने की इच्छा से अयोध्या पहुंची थीं. अयोध्या में जब 21 दिन के कठोर तप के बाद भी भगवान ने दर्शन नहीं दिए तो रानी ने सरयू नदी में छलांग लगा दी थी. इसके बाद भगवान राम रानी की तपस्या से प्रकट हुए और जल के अंदर ही रानी की गोद में बाल रूप मूरत में आ गए. रानी के निवेदन पर भगवान राम सशर्त चलने के लिए तैयार हो गए. मान्यता है कि तभी से भगवान राम दिन के वक्त ओरछा में और रात के वक्त अयोध्या में होते हैं.''

ORCHHA MANDIR IN NEW YEAR 2025
नव वर्ष पर ओरछा में लगेगा पर्यटकों श्रृद्धालुओं का जमावड़ा (Etv Bharat)

नव वर्ष पर लगेगा पर्यटकों-श्रृद्धालुओं का जमावड़ा

ओरछा में में नव वर्ष पर पर्यटकों व श्रृद्धालुओं का जमावड़ा लगता है. यहां रामराजा मंदिर होने के साथ-साथ कई ऐतिहासिक पर्यटन स्थल भी हैं. मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, नव वर्ष के पहले यहां श्रीराम विवाह उत्सव हुआ, जिसके लिए मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. वहीं नव वर्ष पर भी यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इसमें भगवान को दिया जाने वाला गार्ड ऑफ ऑनर आकर्षण का केंद्र होता है, जो हर रोज दिया जाता है. यहां नव वर्ष के दो तीन दिन पहले से ही पर्यटक पहुंचने लगते हैं और यहां के होटल व धर्मशालाएं पहले से ही बुक हो जाती हैं. ऐसे में इस समय यहां पर्यटकों को पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग करा लेनी चाहिए.

orchha ram mandir
ओरछा राम मंदिर (Etv Bharat)

सबसे नजदीक है झांसी रेलवे स्टेशन

यूं तो झांसी-मानिकपुर-इलाहाबाद रेलवे लाइन पर ओरछा भी रेलवे स्टेशन है लेकिन इस लाइन पर गिनी चुनी ट्रेनें ही चलती हैं. ऐसे में सबसे सुगमता से पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर दूर स्थित वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन तक आया जा सकता है. इस स्टेशन से भारत के हर कोने से गुजरने वाली ट्रेनें गुजरती हैं. रेलवे स्टेशन के बाहर ऑटो या टूरिस्ट वाहनों से श्रद्धालु व पर्यटक आसानी से ओरछा पहुंच सकते हैं.

जल्द वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित होगा ओरछा

मध्य प्रदेश का ओरछा जल्द वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में भी जाना जाएगा. दरअसल, राम राजा सरकार की इस नगरी को वर्ल्ड हेरिटेज की पहचान दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा था, जिसे वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी स्वीकार भी कर चुकी है और इसपर विचार जारी है.

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क्यों कहा जाता है बुंदेलखंड की अयोध्या?

इतिहासकार हेमंत गोस्वामी बताते हैं, '' मान्यता है कि अयोध्या की तरह यहां भी भगवान राम विराजमान हैं. यहां प्रभु श्री राम 'राजा' के रूप में शासन संभालते हैं और दिन के वक्त यहीं रहते हैं. वहीं शाम के वक्त वे वापस अयोध्या लौट जाते हैं. इसलिए इसे 'बुंदेलखंड की अयोध्या' कहा जाता है. राजा के रूप में होने की वजह से भगवान राम का यहां राजसी सत्कार होता है. बाकायदा हर रोज चार पहर रामराजा सरकार को मध्यप्रदेश पुलिस के सशस्त्र जवान गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं. यह परंपरा यहां अंग्रेजी के जमाने से चली आ रही है. खास बात ये है कि रामराजा सरकार के अलावा ओरछा में किसी भी वीआईपी को सलामी नहीं दी जाती.''

orchha ram mandir new year celebration
ओरछा राम मंदिर (Etv Bharat)

क्या हैं मंदिर से जुड़ी मान्यताएं?

इतिहासकार गोस्वामी आगे कहते हैं, '' मान्यताओं के अनुसार ओरछा के शासक मधुकर शाह की पत्नी अपनी राम भक्ति के चलते भगवान राम को अयोध्या से अपने साथ लाने की इच्छा से अयोध्या पहुंची थीं. अयोध्या में जब 21 दिन के कठोर तप के बाद भी भगवान ने दर्शन नहीं दिए तो रानी ने सरयू नदी में छलांग लगा दी थी. इसके बाद भगवान राम रानी की तपस्या से प्रकट हुए और जल के अंदर ही रानी की गोद में बाल रूप मूरत में आ गए. रानी के निवेदन पर भगवान राम सशर्त चलने के लिए तैयार हो गए. मान्यता है कि तभी से भगवान राम दिन के वक्त ओरछा में और रात के वक्त अयोध्या में होते हैं.''

ORCHHA MANDIR IN NEW YEAR 2025
नव वर्ष पर ओरछा में लगेगा पर्यटकों श्रृद्धालुओं का जमावड़ा (Etv Bharat)

नव वर्ष पर लगेगा पर्यटकों-श्रृद्धालुओं का जमावड़ा

ओरछा में में नव वर्ष पर पर्यटकों व श्रृद्धालुओं का जमावड़ा लगता है. यहां रामराजा मंदिर होने के साथ-साथ कई ऐतिहासिक पर्यटन स्थल भी हैं. मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, नव वर्ष के पहले यहां श्रीराम विवाह उत्सव हुआ, जिसके लिए मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. वहीं नव वर्ष पर भी यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इसमें भगवान को दिया जाने वाला गार्ड ऑफ ऑनर आकर्षण का केंद्र होता है, जो हर रोज दिया जाता है. यहां नव वर्ष के दो तीन दिन पहले से ही पर्यटक पहुंचने लगते हैं और यहां के होटल व धर्मशालाएं पहले से ही बुक हो जाती हैं. ऐसे में इस समय यहां पर्यटकों को पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग करा लेनी चाहिए.

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ओरछा राम मंदिर (Etv Bharat)

सबसे नजदीक है झांसी रेलवे स्टेशन

यूं तो झांसी-मानिकपुर-इलाहाबाद रेलवे लाइन पर ओरछा भी रेलवे स्टेशन है लेकिन इस लाइन पर गिनी चुनी ट्रेनें ही चलती हैं. ऐसे में सबसे सुगमता से पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर दूर स्थित वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन तक आया जा सकता है. इस स्टेशन से भारत के हर कोने से गुजरने वाली ट्रेनें गुजरती हैं. रेलवे स्टेशन के बाहर ऑटो या टूरिस्ट वाहनों से श्रद्धालु व पर्यटक आसानी से ओरछा पहुंच सकते हैं.

जल्द वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित होगा ओरछा

मध्य प्रदेश का ओरछा जल्द वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में भी जाना जाएगा. दरअसल, राम राजा सरकार की इस नगरी को वर्ल्ड हेरिटेज की पहचान दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा था, जिसे वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी स्वीकार भी कर चुकी है और इसपर विचार जारी है.

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