नूंह: जिले के तावडू उपमंडल की सीमा पर ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए सुरंग की खुदाई की जा रही थी. इस दौरान सिंचाई बोरवेल की पाइपलाइन टूट गई. इससे सुरंग में जलभराव होने के साथ ही जमीन में नमी आ गई है. इससे स्थानीय और काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा खतरे में है. इन बोरवेलों के क्षतिग्रस्त होने से जमीन के ऊपर भी गहरा गड्ढा बन गया है. इससे हादसे का खतरा बढ़ गया है. वहीं, किसानों ने इसे सुरंग निर्माण कंपनी की लापरवाही करार दिया है.
जानिए क्या कहते हैं किसान: प्रभावित किसान अजीज का कहना है, "सुरंग खदाई से पहले कोई सूचना नहीं दी गई थी. जब फसल सिंचाई के लिए खेत में पहुंचे तो बोरवेल क्षतिग्रस्त मिला. बोरवेल के पास भूमि का हिस्सा नीचे धंसा हुआ मिला. वहां गहरा गड्डा बन चुका था. ऐसे में खेतों में काम करना खतरे से भरा है. अब वह अपने खेतो में फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं."
वहीं, किसान सलीम ने कहा, "सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है. बोरवेल की पाइपलाइन से पानी निकलकर सुरंग में भरा है. इससे उन्हें भी खतरा है. साथ ही काम करने वालों को भी है. हमारी मांग है कि उनके नुकसान की भरपाई करने के साथ-साथ लापरवाही बरतने वाले कंपनी ठेकेदारों पर प्रशासन कार्रवाई करे."
"अब खेतों में फसल की सिंचाई बिल्कुल रुक गई है. किसी प्रकार का काम नहीं किया जा रहा. नमी के चलते जमीन कभी भी सुरंग में धंस सकती है. इससे बड़ा हादसा हो सकता है. प्रशासन को संज्ञान लेने की जरूरत है." -अजीज, किसान
किसानों को दिया जाएगा क्षति का मुआवजा: इस पूरे मामले में रेलवे सुरंग की खुदाई की देखरेख करने वाले डीजीएम राजू सोलंकी का कहना है, "जिन भी किसानों के बोरवेल क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें लागत से दोगुना मुआवजा दिया जाएगा. फिलहाल सुरंग निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त बोरवेलों का आंकलन किया जा रहा है. आगामी 16 जनवरी तक यह मुआवजा दिया जाएगा. निर्माण के दौरान लापरवाही के आरोप लगाना बेबुनियाद है. खुदाई के दौरान जो जलभराव हुआ, वह भी किसानों की लापरवाही के चलते हुआ है, ना की रेलवे निर्माण के दौरान."
"एक नहीं अनेक बोरवेल इसी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. सभी में लीकेज से सुरंग में जलभराव हुआ है. सुरंग निर्माण करने वाली कंपनी की ओर से यहां पर चेतावनी बोर्ड लगाने की पहले ही मांग कर रहे थे, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया." -सलीम, किसान
बता दें कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे के साथ ऑर्बिटल रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है. तावडू उपमंडल के अंतर्गत धुलावट, सहसोला और अरावली पहाड में इसके लिए करीब पांच किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जिसकी तीन जगह से खुदाई का काम शुरू हो गया है. धुलावट गांव में 200 मीटर से अधिक सुरंग की खुदाई की जा चुकी है, जबकि सहसोला में दोनों ओर से करीब 200 मीटर से अधिक सुरंग की खुदाई की जा चुकी है. इसी खुदाई के दौरान किसानों के खेतों में पहले से ही लगे हुए कृषी बोरवेल की खुदाई के दौरान पाइपलाइन लीकेज हो गई. जिससे अब सुरंग में जलभराव की समस्या आ गई है. साथ ही जमीन में नमी भी आ गई है.
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