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दिल्ली कोचिंग में हुए हादसे के विरोध में लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन - NSUI Students protest in Lucknow

दिल्ली में सिविल सर्विसेज की कोचिंग में हादसे के विरोध में लखनऊ विश्वविद्यालय में एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने मंगलवार को धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि दोषियों को सजा मिले और अवैध कोचिंग संस्थानों के लाइसेंस रद्द किए जाएं.

लखनऊ में प्रदर्शन करते एनएसयूआई के छात्र.
लखनऊ में प्रदर्शन करते एनएसयूआई के छात्र. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 3:47 PM IST

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा. (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ: दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग इंस्टिट्यूट में तीन छात्रों के मौत के बाद पूरे देश में उबाल पर है. इसी कड़ी में लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर एनएसयूआई के छात्रों ने अवैध कोचिंग संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, उनके लाइसेंस रद्द करने और इस घटना में जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले जा रही पुलिस.
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले जा रही पुलिस. (Photo Credit: ETV Bharat)

छात्रों के प्रदर्शन की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर तैनात हो गया था. जैसे ही एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन शुरू किया, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर धक्का मुक्की हुई. जिसके बाद पुलिस में सभी प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर इको गार्डन भेज दिया.



एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा ने कहा कि दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग इंस्टीट्यूट में हुए दुखद हादसे के बाद दोषियों को सजा देने एवं अवैध कोचिंग संस्थानों के लाइसेंस को रद्द की मांग हम राज्य और केंद्र सरकार से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह केवल दिल्ली की समस्या नहीं है. लखनऊ जैसे बड़े शहर में खास तौर पर हजरतगंज जैसे एरिया में सैकड़ों कोचिंग संस्थाएं संचालित हैं.

आर्यन ने कहा कि बीते महीने लखनऊ में भी एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना हो चुकी है. इसके बाद भी प्रदेश सरकार केवल सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेते हैं. आर्यन मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा कोचिंग संस्थानों पर सरकार द्वारा किसी तरह की गाइडलाइन नहीं जारी की जाती है. जिसका फायदा उठाकर कोचिंग संस्थान मनमाफिक फीस वसूली करने के साथ ही हॉस्टल और मेस का संचालन भी खुद करते हैं और छात्रों पर वहीं रहने और खाने का दबाव बनाते हैं. जिसके लिए वह छात्रा से मोटी फीस वसूल करते हैं. हमारी केंद्र और राज्य सरकार से मांग है कि ऐसे अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सरकार सख्त-सख्त गाइडलाइन बनाएं और इन पर नियंत्रण करे.

यह भी पढ़ें : मथुरा: अवैध कोचिंग सेंटरों को आखरी चेतावनी, जल्द रजिस्टर्ड कराने का आदेश

यह भी पढ़ें : सूरत हादसे से वाराणसी प्रशासन ने लिया सबक, कोचिंग सेंटरों को हाई अलर्ट जारी

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा. (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ: दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग इंस्टिट्यूट में तीन छात्रों के मौत के बाद पूरे देश में उबाल पर है. इसी कड़ी में लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर एनएसयूआई के छात्रों ने अवैध कोचिंग संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, उनके लाइसेंस रद्द करने और इस घटना में जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले जा रही पुलिस.
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले जा रही पुलिस. (Photo Credit: ETV Bharat)

छात्रों के प्रदर्शन की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर तैनात हो गया था. जैसे ही एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन शुरू किया, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर धक्का मुक्की हुई. जिसके बाद पुलिस में सभी प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर इको गार्डन भेज दिया.



एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा ने कहा कि दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग इंस्टीट्यूट में हुए दुखद हादसे के बाद दोषियों को सजा देने एवं अवैध कोचिंग संस्थानों के लाइसेंस को रद्द की मांग हम राज्य और केंद्र सरकार से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह केवल दिल्ली की समस्या नहीं है. लखनऊ जैसे बड़े शहर में खास तौर पर हजरतगंज जैसे एरिया में सैकड़ों कोचिंग संस्थाएं संचालित हैं.

आर्यन ने कहा कि बीते महीने लखनऊ में भी एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना हो चुकी है. इसके बाद भी प्रदेश सरकार केवल सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेते हैं. आर्यन मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा कोचिंग संस्थानों पर सरकार द्वारा किसी तरह की गाइडलाइन नहीं जारी की जाती है. जिसका फायदा उठाकर कोचिंग संस्थान मनमाफिक फीस वसूली करने के साथ ही हॉस्टल और मेस का संचालन भी खुद करते हैं और छात्रों पर वहीं रहने और खाने का दबाव बनाते हैं. जिसके लिए वह छात्रा से मोटी फीस वसूल करते हैं. हमारी केंद्र और राज्य सरकार से मांग है कि ऐसे अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सरकार सख्त-सख्त गाइडलाइन बनाएं और इन पर नियंत्रण करे.

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