भरतपुरः प्रदेश भर में अब छात्रसंघ चुनाव करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है. बुधवार को भरतपुर संभाग मुख्यालय पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी ने छात्रों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट से मुख्यमंत्री जनसुनवाई केंद्र तक रैली निकालकर छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. बाद में एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
बुधवार दोपहर को बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता, पदाधिकारी और छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय से मुख्यमंत्री जनसुनवाई केंद्र तक रैली निकाली. इस दौरान छात्र हाथों में तख्तियां और पैंफलेट लेकर प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे. जैसे ही छात्रों का हुजूम मुख्यमंत्री जनसुनवाई केंद्र पर पहुंचा, तो वहां पहले से मौजूद पुलिस बल के साथ छात्रों की धक्का-मुक्की हो गई.
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष वीकेश फौजदार ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सरकार में आने पर प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव कराने का वादा किया था. यह बात उन्होंने अपने घोषणा पत्र में भी लिखी थी. लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही वो अपना वादा भूल गई. उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा के बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराना चाहती.
मुख्यमंत्री जनसुनवाई केंद्र पर करीब 1 घंटे तक विरोध प्रदर्शन होता रहा. उसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम रवि को छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव बहाली का ज्ञापन सौंपा. एनएसयूआई जिलाध्यक्ष वीकेश ने कहा कि यदि सरकार ने प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए, तो एनएसयूआई सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी. गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के समय गत वर्ष जयपुर में हुई कुलपतियों और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में एक सत्र के लिए चुनाव नहीं कराने की मंशा व्यक्त की गई थी. लेकिन अब नया सत्र शुरू होने के बाद भी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. जबकि प्रदेश भर के छात्र, छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं.