कोटा. मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी को रद्द करने की मांग को लेकर एनएसयूआई ने शुक्रवार को कोटा शहर में प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में एनएसयूआई के कार्यकर्ता सर्किट हाउस के बाहर एकत्रित हुए, जहां उनके प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ और राजस्थान प्रभारी अखिलेश यादव सहित अन्य नेता मौजूद रहे. ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट कूच किए.
साथ ही कलेक्ट्रेट में प्रवेश की भी कोशिश की. इस बीच पुलिस की एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं से बहस हो गई. कुछ कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर कूदने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी को खदेड़ दिया. पुलिस ने इन पर लाठियां भी बरसाई. उसके बाद ये लोग तितर-बितर हो गए. वहीं, कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. हालांकि, बाद कार्यकर्ता वापस अलग-अलग जगहों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन भी किए.
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एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने कहा कि केंद्र की मोदी के इशारे पर ही नीट यूजी का पेपर लीक किया गया है. इसके जरिए कुछ स्टूडेंट्स को फायदा पहुंचाया गया है. इससे देश का असली टैलेंट पीछे हो गया, जिन्हें डॉक्टर बनना था, वे लोग अब दोबारा एग्जाम देंगे या फिर किसी दूसरे फील्ड में जाएंगे. खैर, हम इसका विरोध करते हैं और दोबारा नीट यूजी की परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं.
उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान कह रहे हैं कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है, लेकिन फिर इतने ज्यादा कैंडिडेट्स के नंबर कैसे आ गए हैं. जबकि कोचिंग और पेपर लीक माफियाओं के जरिए इन्होंने 30-30 लाख रुपए में पेपर बेचा है. कोटा जिला अध्यक्ष विशाल मेवाड़ा ने लाठी चार्ज के मामले में कहा कि वो उचित मांग उठा रहे थे, लेकिन सरकार के इशारे पर पुलिस ने उन पर लाठियां चलाई.