देहरादून (उत्तराखंड): आज 20 जनवरी है. 20 जनवरी का दिन भारत के साथ ही उत्तराखंड के लिए खास है. 20 जनवरी को भारत के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले अजीत डोभाल का जन्मदिन होता है. अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ. आज एनएसए अजीत डोभाल ने अपने जीवन के 78 साल पूरे कर 79वें वर्ष में प्रवेश किया है. अजीत डोभाल को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है. अजीत डोभाल को साल 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया.
अजीत डोभाल का जीवन परिचय: अजित डोभाल का जन्म पौड़ी गढ़वाल में हुआ. उनके पिता भारतीय सेना में थे. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई अजमेर के सेना स्कूल से हुई. बाद में उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. वे 1968 बैच के केरल कॉडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. अजीत डोभाल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो के साथ जुड़े. अजीत डोभाल करीब सात साल पाकिस्तान में खुफिया जासूस के तौर पर रहे. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई. जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों और शांति के पक्षधर लोगों के बीच उन्होंने काम किया. तब उन्होंने बहुत सारे आतंकियों को सरेंडर करवाया. साल 30 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया. अजीत डोभाल को सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान पाने वाले वह पहले पुलिस अधिकारी बने.
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भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, श्रीमान अजीत डोभाल जी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
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जासूस बनकर पाकिस्तान में रहे: अजीत डोभाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में सात साल तक काम कर चुके हैं. शुरुआती दिनों में वह अंडरकवर एजेंट थे. सात साल तक वो पाकिस्तान में सक्रिय रहे. वो पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक मुस्लिम की तरह रहे. इस दौरान उन्होंने कई स्थानीय लोगों से दोस्ती की. दरअसल हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार सभी बच्चों का कर्ण छेदन किया जाता है. इसी वजह से डोभाल के कान में छेद था. मस्जिद में एक फकीर जैसे दिखने वाले शख्स ने यह जान लिया था कि वो हिंदू हैं.
बालाकोट एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक: डोभाल पीएम मोदी के सबसे भरोसमंद नौकरशाह माने जाते हैं. बीते सालों में भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया. जिसका श्रेय अजीत डोभाल को ही जाता है. पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले अजीत डोभाल का पाकिस्तान भी लोहा मानता है. बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद विंग कमांडर अभिनंदन की पाकिस्तान से रिहाई में भी अजीत डोभाल ने अहम भूमिका रही.
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ऑपरेशन ब्लू स्टार में भी किया काम: पंजाब में आतंकवाद के दौरान ऑपरेशन के ठीक पहले अजीत डोभाल एक रिक्शेवाले का हुलिया बनाकर स्वर्ण मंदिर में अंदर दाखिल हुए थे. वहां उन्होंने काफी जानकारियां एकत्रित की. तब उन्होंने पता लगाया था कि स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का सहयोग मिल रहा है. भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई. उन्होंने भारतीय सुरक्षा बलों के लिए ऐसी महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई, जो उनके बहुत काम आई.