पटना: बिहार विधान परिषद की खाली एक सीट पर 12 जुलाई को चुनाव होगा. इस सीट के लिए आज जेडीयू प्रत्याशी भगवान सिंह कुशवाहा ने पर्चा दाखिल कर दिया है. आरजेडी विधान पार्षद रामबली सिंह को अयोग्य घोषित करने के बाद यह सीट खाली हुई है. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर तत्कालीन विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने फैसला लिया था और उनकी सदस्यता 6 फरवरी को समाप्त कर दी थी, तब से यह सीट खाली पड़ी है.
12 जुलाई को मतदान: चुनाव आयोग ने बिहार के साथ कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के विधान परिषद की कुल 5 सीटों पर चुनाव की घोषणा की है. अधिसूचना 25 जून को जारी हो चुकी है. 2 जुलाई यानी आज नामांकन पत्र दाखिल करने का दिन है. 3 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 5 जुलाई तक नामांकन पत्र वापसी की जा सकेगी. 12 जुलाई को सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे तक मतदान होगा. उसी दिन सभी वोटों की गिनती की जाएगी और फिर चुनाव परिणाम की घोषणा की जाएगी.
जेडीयू कैंडिडेट की जीत तय: महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार उतारने की संभावना नहीं के बराबर है. ऐसे में भगवान सिंह कुशवाहा का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है, क्योंकि संख्याबल एनडीए के पक्ष में है. यदि चुनाव होता है तो बिहार विधानसभा में 243 सदस्यों में से अभी 5 सीट रिक्त है. शेष सीटों में से एनडीए के पास पूर्ण बहुमत है. ऐसे में जेडीयू के उम्मीदवार भगवान सिंह कुशवाहा आसानी से चुनाव जीत जाएंगे.
एक सीट पर उपचुनाव होना बाकी: बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं. फिलहाल 2 सीट खाली है. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा का चुनाव सीतामढ़ी से जीते हैं तो उन्होंने भी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. ऐसे में एक सीट पर चुनाव होने के बाद भी विधान परिषद में एक सीट खाली रहेगी.
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