जयपुर: मोदी सरकार 3.O के पहले बजट को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि इसमें महंगाई और बेरोजगारी से जनता को राहत नहीं है. राजस्थान के लिए भी उन्होंने बजट को निराशाजनक बताया है.
सचिन पायलट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, वित्त मंत्री ने बजट में अनेक प्रदेशों की योजनाओं का उल्लेख किया, लेकिन राजस्थान की ईआरसीपी और यमुना लिंक योजनाओं के लिए कोई घोषणा नहीं की है. जो प्रदेश की जनता के साथ छलावा है. जबकि केंद्र के मंत्री ने अपनी मौजूदगी में मध्यप्रदेश और हरियाणा के साथ एमओयू करवाए थे.
भाजपा स्वीकार कर चुकी बेरोजगारी चरम पर: उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इस बजट को रोजगारोन्मुखी बताने का प्रयास किया है. जो दर्शाता है कि भाजपा सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि बेरोजगारी चरम पर पहुंची है. उन्होंने कहा कि बजट में दिखाए गए कदमों से बेरोजगारी कम नहीं होने वाली क्योंकि निम्न और निम्न मध्यम वर्ग में महंगाई के कारण खपत बढ़ नहीं पा रही है. सरकार को हर हालत में पूंजीगत व्यय को और बढ़ाने पर जोर देना होगा.
10 लाख पदों पर वित्त मंत्री ने साधी चुप्पी: सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन चल रहे लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने को लेकर भी वित्त मंत्री बजट में चुप्पी साधे रखी. जो साबित करता है कि सरकार बेरोजगारों को केवल निजी क्षेत्र की ओर धकेलना चाहती है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा मनरेगा पर वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में एक शब्द भी नहीं बोलना समझ से परे है.
कांग्रेस की घोषणाओं को किया बजट में शामिल: सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र की इंटर्नशिप योजना, प्रशिक्षुता योजना को बजट में शामिल करके भाजपा सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस की नीतियां सदा से ही देश हित में रही है. उन्होंने कहा कि इस बजट से न महंगाई कम होगी, न बड़ी मात्रा में रोजगार उत्पन्न होंने और न ही राजस्थान को कोई विशेष योजना मिलेगी.