ETV Bharat / state

नीतीश राज में लालटेन युग, बेतिया के इस गांव में सुशासन के 19 साल बाद भी बिजली नहीं - no electricity in Bettiah - NO ELECTRICITY IN BETTIAH

No Electricity in Bettiah Village: आज एक ओर जहां इंसान मंगल ग्रह पर पहुंचने के दावे कर रहा है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश के राज में बेतिया का एक गांव बिजली की रोशनी के लिए तरस रहा है. पश्चिमी चम्पारण जिले का गौनाहा प्रखंड के सोनहवा बाबा कुटी गांव में आजादी के 75 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची. मीडिया में इसकी चर्चा होने के बाद बिजली विभाग के सरकारी अधिकारी अब गांव में बिजली पहुंचाने का दावा कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में बिजली नहीं
बेतिया के बाबा कुटी गांव में बिजली नहीं (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 27, 2024, 7:36 PM IST

बेतिया: आज कोई भी व्यक्ति बिजली के बगैर जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता है, लेकिन बिहार के बेतिया में एक गांव ऐसा है जहां लोग आज भी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर अपने भाषण में कहते रहते है कि राज्य में 'लालटेन युग' समाप्त हो गया है और उनकी सरकार ने राज्य के हर घर में बिजली पहुंचा दी है. लेकिन पश्चिमी चम्पारण जिले का गौनाहा प्रखंड क्षेत्र की जमुनिया पंचायत के वार्ड नंबर 9 के सोनहवा बाबा कुटी गांव में आजादी के बाद से आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.

लालटेन व दीये के सहारे पढ़ते हैं बच्चे:सोनहवा बाबा कुटी गांव में एक दर्जन परिवार के करीब 60 लोग रहते है. ये लोग सरकार की मुलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है. उनको बिजली जैसी मुलभूत सुविधाएं नही मिल पा रही है. जिसके कारण पढ़ाई करने वाले बच्चे लालटेन व दीये के सहारे पढ़ते हैं. गांव में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि बिजली नहीं होने के कारण रात को हमारी पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है. लालटेन की रोशनी में पढ़ना पड़ता है.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में बिजली नहीं (ETV Bharat)

"इस गांव में बिजली उपलब्ध कराने के लिए न तो पोल है और न ही तार. यह गांव गेन्हरीया जंगल से सटे होने के कारण रात में जंगली जानवर भी गांव में घुस जाते है. बिजली के अभाव में लोग शाम होते ही अपने बच्चों के साथ अपने घरों के दरवाजे बंद कर दुबक जाते हैं." -शंभू मुखिया, ग्रामीण

दूसरे गांव से चार्ज कराते हैं बैट्री: शंभू मुखिया ने बताया कि मोबाइल चार्ज करने के लिए पास के गांव में जाना पड़ता है. मोबाइल चार्ज करने के लिए पैसे लगते हैं. दूसरे गांव से बैटरी चार्ज कराकर घर में रखते हैं ताकि इस रोशनी में हमारी पढ़ाई भी हो जाए और घर का खाना भी बन जाए. गांव की महिलाओं ने बताया कि बिजली के अभाव में हमें काफी परेशानी होती है.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में अबतक नहीं पहुंची बिजली
बेतिया के बाबा कुटी गांव में अबतक नहीं पहुंची बिजली (ETV Bharat)

चार्च और सोलर लाइट से जंगली जानवर पर रखते हैं नजर: उन्होंने कहां की हमने आज तक बिजली नहीं देखी है. किसी-किसी के पास सोलर टॉर्च व लाईट है जिससे जंगली जानवरों पर नजर रखा जाता है. गौनाहा बीडीओ शिवजन्म राम ने बताया की हर परिवार को बिजली पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है. सोनहवा बाबा कुटी टोला गांव में बिजली नहीं है. इसकी जांच हो गई हैं. अगर बिजली नहीं होगी तो बिजली उपलब्ध कराया जाएगा.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में महिलाएं और बच्चे
बेतिया के बाबा कुटी गांव में महिलाएं और बच्चे (ETV Bharat)

" सोनहवा बाबा कुटी गांव में बिजली नहीं है. इसकी जानकारी मिली हैं. कर्मियों को स्थल पर भेज कर जांच करा लिया गया हैं. नया ट्रांसफार्मर, बिजली का पोल और तार के लिए विभाग को लिख दिया गया है. अविलंब उस गांव में बिजली आपूर्ति चालू कराया जाएगा."-प्रमोद पासवान, कनीय अभियंता, बिजली विभाग गौनाहा

पढ़ें पूरी खबर

ये बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा है, मोबाइल टॉर्च की रोशनी से स्कूल में हो रही पढ़ाई - NO ELECTRICITY IN SCHOOL

बिजली नहीं आती तो भोजन और प्यास से बिलबिलाते हैं मासूम, गया के इस स्कूल में बच्चों की सुनिये

स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ रहे बच्चे, सड़क पर बैठकर खुद लिख रहे अपनी किस्मत

बेतिया: आज कोई भी व्यक्ति बिजली के बगैर जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता है, लेकिन बिहार के बेतिया में एक गांव ऐसा है जहां लोग आज भी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर अपने भाषण में कहते रहते है कि राज्य में 'लालटेन युग' समाप्त हो गया है और उनकी सरकार ने राज्य के हर घर में बिजली पहुंचा दी है. लेकिन पश्चिमी चम्पारण जिले का गौनाहा प्रखंड क्षेत्र की जमुनिया पंचायत के वार्ड नंबर 9 के सोनहवा बाबा कुटी गांव में आजादी के बाद से आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.

लालटेन व दीये के सहारे पढ़ते हैं बच्चे:सोनहवा बाबा कुटी गांव में एक दर्जन परिवार के करीब 60 लोग रहते है. ये लोग सरकार की मुलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है. उनको बिजली जैसी मुलभूत सुविधाएं नही मिल पा रही है. जिसके कारण पढ़ाई करने वाले बच्चे लालटेन व दीये के सहारे पढ़ते हैं. गांव में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि बिजली नहीं होने के कारण रात को हमारी पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है. लालटेन की रोशनी में पढ़ना पड़ता है.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में बिजली नहीं (ETV Bharat)

"इस गांव में बिजली उपलब्ध कराने के लिए न तो पोल है और न ही तार. यह गांव गेन्हरीया जंगल से सटे होने के कारण रात में जंगली जानवर भी गांव में घुस जाते है. बिजली के अभाव में लोग शाम होते ही अपने बच्चों के साथ अपने घरों के दरवाजे बंद कर दुबक जाते हैं." -शंभू मुखिया, ग्रामीण

दूसरे गांव से चार्ज कराते हैं बैट्री: शंभू मुखिया ने बताया कि मोबाइल चार्ज करने के लिए पास के गांव में जाना पड़ता है. मोबाइल चार्ज करने के लिए पैसे लगते हैं. दूसरे गांव से बैटरी चार्ज कराकर घर में रखते हैं ताकि इस रोशनी में हमारी पढ़ाई भी हो जाए और घर का खाना भी बन जाए. गांव की महिलाओं ने बताया कि बिजली के अभाव में हमें काफी परेशानी होती है.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में अबतक नहीं पहुंची बिजली
बेतिया के बाबा कुटी गांव में अबतक नहीं पहुंची बिजली (ETV Bharat)

चार्च और सोलर लाइट से जंगली जानवर पर रखते हैं नजर: उन्होंने कहां की हमने आज तक बिजली नहीं देखी है. किसी-किसी के पास सोलर टॉर्च व लाईट है जिससे जंगली जानवरों पर नजर रखा जाता है. गौनाहा बीडीओ शिवजन्म राम ने बताया की हर परिवार को बिजली पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है. सोनहवा बाबा कुटी टोला गांव में बिजली नहीं है. इसकी जांच हो गई हैं. अगर बिजली नहीं होगी तो बिजली उपलब्ध कराया जाएगा.

बेतिया के बाबा कुटी गांव में महिलाएं और बच्चे
बेतिया के बाबा कुटी गांव में महिलाएं और बच्चे (ETV Bharat)

" सोनहवा बाबा कुटी गांव में बिजली नहीं है. इसकी जानकारी मिली हैं. कर्मियों को स्थल पर भेज कर जांच करा लिया गया हैं. नया ट्रांसफार्मर, बिजली का पोल और तार के लिए विभाग को लिख दिया गया है. अविलंब उस गांव में बिजली आपूर्ति चालू कराया जाएगा."-प्रमोद पासवान, कनीय अभियंता, बिजली विभाग गौनाहा

पढ़ें पूरी खबर

ये बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा है, मोबाइल टॉर्च की रोशनी से स्कूल में हो रही पढ़ाई - NO ELECTRICITY IN SCHOOL

बिजली नहीं आती तो भोजन और प्यास से बिलबिलाते हैं मासूम, गया के इस स्कूल में बच्चों की सुनिये

स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ रहे बच्चे, सड़क पर बैठकर खुद लिख रहे अपनी किस्मत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.