पटना: बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है. इसमें बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को जगह मिल सकती है. सोमवार को अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा में नीतीश कुमार की अनंत सिंह से मुलाकात के बाद यह चर्चा जोर पकड़ रही है. मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह जब से जेल बाहर आए हैं, तब से वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपना प्रेम दिखा रहे हैं. तमाम इंटरव्यू में वह इस बार का जिक्र करते हैं कि नीतीश कुमार ने ही बिहार को संवारा है. वहीं नीतीश कुमार को भी पार्टी को मजबूत करनी है.
"नेताओं के बीच मुलाकात राजनीतिक होती है और नेता मिलते हैं तो राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा भी होती है. हाल फिलहाल में बिहार कैबिनेट का विस्तार होना है और इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि अनंत सिंह की पत्नी को बड़ी जिम्मेदारी दी जाए."- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
अनंत सिंह के करीबी कार्तिकेय सिंह बने थे मंत्री: महागठबंधन की जब सरकार बनी थी और अनंत सिंह राजद के साथ थे तब राजद कोटे से उनके करीबी कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया था. लेकिन, अपहरण के एक मुकदमे में उनकी संलिप्तता होने के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कार्तिकेय सिंह को उस वक्त भी अनंत सिंह के करीबी होने कारण राजद ने मंत्री बनाया था. अब जबकि, अनंत सिंह बाहर आ गये हैं और उनकी पत्नी नीलम देवी विधायक हैं तो उनके मंत्री बनने के कयास लगाये जा रहे हैं.
नीतीश का किया था समर्थनः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद एनडीए के साथ सरकार बनायी. बहुमत के फ्लोर टेस्ट पास करने से पहले दल बदल की चर्चा चल रही थी. आशंका जतायी जा रही थी कि नीतीश कुमार बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाएंगे. उस मुश्किल घड़ी में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद विधायक होते हुए नीतीश कुमार का साथ दी थी.
लोकसभा चुनाव में ललन सिंह की मददः लोकसभा चुनाव 2024 में ललन सिंह मुंगेर से प्रत्याशी बनाये गये थे. राजद से बाहुबली अशोक महतो की पत्नी चुनाव मैदान में थी. ऐसा माना जा रहा था कि ललन सिंह का चुनाव फंस सकता है. मतदान से कुछ दिन पहले अचानक अनंत सिंह पैरोल पर बाहर निकले. बताया गया कि पारिवारिक संपत्ति के सुलहनामे के लिए बाहर आए हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा थी कि अनंत सिंह चुनाव में ललन सिंह को मदद करने के लिए बाहर आए हैं.
अनंत सिंह जेल से रिहाः 2019 में अनंत सिंह के घर पुलिस ने छापेमारी की थी. इस छापेमारी में पुलिस ने अनंत सिंह के घर से एके-47 बरामद करने का दावा किया था. इस केस में पटना सिविल कोर्ट ने 2022 में अनंत सिंह को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी. पटना हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को सबूतों के अभाव में अनंत सिंह को एके-47 केस में बरी कर दिया था. उस वक्त इस बात की चर्चा थी कि नीतीश कुमार से दुश्मनी के कारण अनंत सिंह को फंसाया गया था, लेकिन अनंत सिंह ने इससे इंकार किया है.
कभी नीतीश कुमार के करीबी थेः अनंत सिंह कभी नीतीश कुमार के बेहद नजदीकी हुआ करते थे. नीतीश कुमार जब लोकसभा चुनाव लड़ते थे तो अनंत सिंह महत्वपूर्ण भूमिका में रहते थे. धीरे-धीरे नीतीश कुमार और अनंत सिंह के बीच दूरियां बढ़ने लगी. कहा जाता है कि अनंत सिंह को इसका नुकसान भी हुआ. अलग-अलग मामलों में अनंत सिंह पर कानून का शिकंजा कसा और लंबे समय तक जेल में रहे.
जदयू के टिकट पर दो बार चुनाव जीते: बाहुबली नेता आनंद सिंह अब तक 4 बार विधायक रह चुके हैं. अनंत सिंह दो बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीते हैं तो एक बार निर्दलीय चुनाव जीतने में कामयाब हुए. 2005 में अनंत सिंह जदयू के टिकट पर चुनाव जीते थे. 2010 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू ने अनंत सिंह को टिकट दिया और वह चुनाव जीतने में कामयाब हुए. 2015 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह निर्दलीय चुनाव जीते. 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव जीती.
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