कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर में महादलितों के खिलाफ पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ सीपीआई एमएल (एम) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया. भभुआ शहर में विरोध मार्च निकाल कर शहर के एकता चौक पर सीएम का पुतला फूंककर बिहार सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वक्ताओं ने कहा कि दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन सरकार आरोपितों पर कार्रवाई के बदले मामले की लीपापोती में जुटी है.
कैमूर में नीतीश कुमार फूंका पुतला: कॉमरेड के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा ने बताया कि पिछले साल 16 नवंबर को नुआंव प्रखंड के कम्हारी और करमहरी गांव के दलित महादलित किसान अपने धान की फसल को काट रहे थे. तभी मोहनिया थाना की पुलिस और स्थानीय दबंगों द्वारा बगैर कोई बात किये दलितों मारपीट कर घायल कर दिया.सभी घायल ने भभुआ एससी एसटी थाना में आवदेन दिया गया पर एससी-एसटी थाना के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की.
प्रशासन नहीं कर रही कोई कार्रवाई: उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कैमूर एसपी और डीआईजी से भी मिले, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अगर कार्रवाई होती तो हमारे कॉमरेड के संतोष मुसहर की हत्या नहीं होता. जोकि पुलिस और समंतो के मिली भगत के कारण हत्यारे अभी भी फरार हैं. इसके साथ ही आय दिन कहीं ना कहीं दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं लेकिन इस बिहार सरकार में पुलिस और दबंगों का राज चल रहा है.
"दलितों पर हो रहे जुल्म को लेकर हमलोग बिहार सरकार नीतीश कुमार का पुतला दहन किया है. अगर बिहार सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो हम लोग सड़क से संसद तक आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगे."-अशोक बैठा, सचिव कॉमरेड
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