पटना: बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद मंगलवार को दूसरी बार नीतीश कैबिनेट की बैठक होगी. जहां कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लग सकती है. मंत्री परिषद की पहली बैठक में चार प्रस्तावों पर मुहर लगी थी. जिसमें 5 फरवरी से होने वाले बिहार विधान मंडल के बजट सत्र की तिथि बढ़ाने का फैसला लिया गया था. साथ ही फ्लोर टेस्ट को लेकर भी डिसीजन लिया गया था. बजट को लेकर भी कैबिनेट में स्वीकृति दी गई थी.
कैबिनेट की पहली बैठक में 4 प्रस्ताव पास: पहली बार जब कैबिनेट की बैठक हुई थी, उस समय मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं हुआ था. शनिवार को सीएम ने सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है. 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसी दिन एनडीए के नेता चुने जाने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया. शाम 5 बजे 8 मंत्रियों के साथ सीएम पद की नौंवी बार शपथ ली थी.
बीजेपी को 23 और जेडीयू को 19 विभाग: बीजेपी से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जबकि प्रेम कुमार को भी मंत्री बनाया गया है. वहीं, जेडीयू की तरफ से बिजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार को मंत्री बनाया गया है. हम की तरफ से संतोष सुमन और निर्दलीय सुमित सिंह को भी मंत्री बनाया गया है. बीजेपी को अभी 23 विभाग, जबकि जेडीयू को 19 विभाग मिले हैं. 2 विभाग हम के पास है.
विभागों के बंटवारे के बाद पहली बैठक: एक तरह से विभागों के बंटवारे के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है. एनडीए की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार इस बैठक में बीजेपी मंत्रियों के साथ क्या बड़ा फैसला लेते हैं, इस पर सब की नजर रहेगी क्योंकि सरकार ने अभी तक विश्वास मत प्राप्त नहीं किया है. वहीं 12 फरवरी से बिहार विधानमंडल का सत्र शुरू हो रहा है और उसी दिन सरकार विश्वास मत प्राप्त करेगी. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में फिलहाल एनडीए के पास 128 विधायकों का संख्या बल है.
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