बक्सर: बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए बक्सर में गंगा नदी पर बने वीर कुंवर सिंह सेतु की स्थिति जर्जर हो जाने के बाद साल 2014 में इस पुल से भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी. लिहाजा बिहार से उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली जाने में काफी परेशानी काफी बढ़ गई थी. वाहनों को छपरा या सासाराम होकर जाना पड़ता था. वहीं, दूरी अधिक हो जाने के कारण ट्रांसपोर्ट में खर्च और समय भी अधिक लग रहा था. ऐसे में करीब 9 साल बाद गंगा नदी पर बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला पुल पिछले साल बनकर तैयार हो गया था.
89 करोड़ की लागत बना पुल: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुल के निर्माण में कुल 89 करोड़ की लागत आई थी. इसका निर्माण एचपी सिंगला एवं पीएनसी इंफ्राटेक नामक दो कंपनियों ने संयुक्त रूप से किया था. करीब 89 करोड़ रुपए की राशि से बने पुल की कुल लंबाई 1.122 किलोमीटर और चौड़ाई 14.05 मीटर है. पुल के निर्माण में कुल 13 पायों का निर्माण कराया गया है. चूंकि इस पुल के माध्यम से बक्सर पटना हाइवे को पूर्वांचल एक्सप्रेस हाइवे से जोड़ना था, इसलिए सभी को लगा कि बिहार से उत्तर प्रदेश का कोई जिला या खुद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बहुत कम समय और कम खर्च में यात्रा किया जा सकेंगे.
प्रशासन भी जाम से थी परेशान: लेकिन यह देखा जा रहा था कि एक नए पुल के चालू हो जाने के बाद भी बक्सर में जाम की समस्या बरकरार थी. बक्सर गोलम्बर से लेकर चुरामनपुर तक ट्रकों की जाम से न केवल बक्सर में रहने वाले लोग परेशान थे, बल्कि बक्सर प्रशासन भी लगातार हलकान होने लगा था. ऐसे में एक और पुल बनाने की मांग चल रही थी, जिसका ऐलान आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आज के पेश बजट में किया है.
सीएम नीतीश ने की थी डिमांड: बता दें कि मोकामा में हुए एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में बक्सर को बनारस से जोड़ने की मांग की थी. तब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कहा कि चुकी आपका संसदीय क्षेत्र काशी है, बनारस है, हमारे बिहार का बक्सर भी मिनी काशी कहलाता है. यह धार्मिक स्थान भगवान राम की शिक्षाभूमि है. अगर बक्सर को बनारस से जोड़ दिया जाए तो बहुत विकास होगा.
"नए पुल का निर्माण बक्सर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. बक्सर चुकी एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, इसलिए यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. नए सेतु से यातायात सुगम हो जाएगी. बिहार से बक्सर के रास्ते ही भारी मात्रा में लाल बालू का निर्यात होती है. नए पुल के निर्माण से बालू निर्यात करने में सहूलियत होगी और जाम से निजात मिलेगी." - डॉ महेंद्र पाल, प्रभारी जिलाधिकारी सह उप विकास आयुक्त
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