NEWS FOR ENGINEERING STUDENTS। इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए किसी कारणवश अगर आप जईई मेन्स का टेस्ट नहीं दे पाए हैं, तो निराश होने की जरूरत नहीं है. मध्य प्रदेश की सरकारी और निजी इंजीनियरिंग काॅलेज में उन स्टूडेंट्स को भी एडमीशन मिल सकता है, जो जेईई मेन्स में शामिल नहीं हुए हैं. खास बात ये है कि इंजीनियरिंग काॅलेज में प्रवेश का मौका उन छात्रों को भी मिल सकता है, जो सप्लीमेंट्री से बारहवीं की परीक्षा पास हुए हैं. तकनीकी शिक्षा संचालनालय आगामी सत्र के इंजीनियरिंग एडमीशन की तैयारियों में जुटा हुआ है और जून के पहले हफ्ते में प्रवेश प्रक्रिया की शुरूआत होने जा रही है. इंजीनियरिंग काॅलेज में प्रवेश के लिए छात्रों को क्या तैयारियां करना है और क्या सावधानियां बरतना है. इसके बारे में सागर की इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग काॅलेज के काउंसलिंग अधिकारी ने तमाम जानकारी दी.
जेईई मेन्स में नहीं लिया हिस्सा, फिर भी प्रवेश का मौका
इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग काॅलेज में काउंसलिंग प्रभारी गोविंद राय ने बताया कि मध्य प्रदेश तकनीकी संचालनालय जून के पहले सप्ताह में एमपी ऑनलाइन के माध्यम से इंजीनियरिंग प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसमें प्रवेश का आधार जेईई मैन्स होता है, लेकिन उन बच्चों को निराश होने की जरूरत नहीं है, जो किसी कारणवश जेईई मेन्स में हिस्सा नहीं ले पाए हैं. फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मैथ्स से बारहवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को भी प्रवेश का मौका मिलेगा. हालांकि पहली काउंसलिंग में सिर्फ जेईई मेन्स में हिस्सा लेने वालों के लिए होगी.
बारहवीं के आधार पर दूसरे राउंड में प्रवेश का मौका मिलता है. तीसरा राउंड कॉलेज लेवल काउंसलिंग में होता है, जिसमें जेईई मेन्स के अलावा 12वीं सप्लीमेंट्री से पास बच्चों को भी प्रवेश का मौका मिलता है. मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और निजी इंजीनियरिंग काॅलेज में प्रवेश प्रक्रिया एमपी ऑनलाइन के जरिए शुरू होगी.
क्या सावधानियां बरते स्टूडेंट्स
काउंसलिंग प्रभारी ने बताया कि एडमिशन के इच्छुक बच्चों को अपने मूल दस्तावेज तैयार कर लेना चाहिए. अपने मूल दस्तावेज किसी भी परिस्थिति में किसी काॅलेज वाले को ना सौंपे, क्योंकि मूल दस्तावेज एडमीशन की प्रक्रिया के लिए स्केन करके अपलोड होंगे और छात्र को वापस किए जाएंगे. कभी-कभी क्या होता है कि काॅलेज वाले मूल दस्तावेज रख लेते हैं. फिर बाद में स्टूडेंट्स कहीं और एडमीशन लेना चाहते हैं, तो उन्हें परेशान होना पड़ता है.
दस्तावेजों में रखें ध्यान
काउंसलिंग प्रभारी गोविंद राय ने स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि जून माह में पहले हफ्ते में प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जाति, निवास, आय और ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट इसी साल का बनवा ले. ये सर्टिफिकेट एक साल के लिए मान्य होता है. आय प्रमाणपत्र एससी, एसटी और ओबीसी के लिए तीन साल का बनता है. दस्तावेजों में किसी तरह की छेड़छाड़ ना करें, क्योंकि इनकी जांच ऑनलाइन होती है और हर सर्टिफिकेट की जांच की जाती है.
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कैसे करें आवेदन
आवेदन प्रक्रिया के तहत सबसे पहले छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराना होता है और ऑनलाइन ही डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन होगा. मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से ये सभी जानकारी छात्रों को समय-समय पर दी जाती है. डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन के पास स्टूडेंट्स अपनी च्वाइस फिंलिंग कर सकते हैं. सागर के इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय सागर 1981 में स्थापित हुआ था. इसमें पांच ब्रांच संचालित है. इलेक्ट्रानिक, आईटी, सिविल,मैकनिकल और इलेक्ट्रिकल है. हर इंजीनियरिंग काॅलेज में अलग-अलग तरह की ब्रांच होती है. इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग काॅलेज में 24 हजार 570 की एक साल फीस है. जितने प्रकार की छात्रवृत्तियां मध्य प्रदेश के छात्रों के लिए लागू है, वो यहां पर मिलती है.