कोटा : शहर के बोरखेड़ा थाना इलाके में आरडीएक्स नाम के बदमाश की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस जिसे रूद्रेश मीना उर्फ आरडीएक्स समझ रही थी, वो कोई और निकला. दरअसल, बदमाश को मृत मानकर इसी अनुसार पुलिस पूरी कार्रवाई कर रही थी, लेकिन आरडीएक्स ने देर रात अपने परिजनों को फोन किया और बताया कि वो जिंदा है.
उसने साथ ही यह भी आशंका जताई कि उसके साथ रहने वाला प्रीतम गोस्वामी उर्फ टीटी घटनाक्रम में मारा गया है. इसके बाद सोमवार को पुलिस आरडीएक्स के परिजनों को मोर्चरी पर लेकर गई, जहां उन्होंने पुष्टि की कि वो आरडीएक्स नहीं है. उनके अनुसार वह शव प्रीतम गोस्वामी उर्फ टीटी का है. ऐसे में पुलिस ने प्रीतम गोस्वामी के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए बुलवाया है. दूसरी तरफ इस मामले में आरडीएक्स के फरार होने की ही बात सामने आ रही है.
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कोटा शहर के एडिशनल एसपी दिलीप सैनी का कहना है कि मृत मिला प्रीतम गोस्वामी भी बदमाश है. उसके रिश्तेदारों को बुलाया गया है. प्रीतम के पिता राजेंद्र गोस्वामी ने शव की पहचान की है. जिस मामले में आरडीएक्स फरार चल रहा था, उसी मामले में प्रीतम भी फरार चल रहा था. उसके खिलाफ भी लूट, जानलेवा हमला, अवैध वसूली व मारपीट, हत्या का प्रयास कई धाराओं में 15 से 18 अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं.
पुलिस के घेरने पर फरार हो गया था आरडीएक्स : महावीर नगर थाना पुलिस ने जीएडी सर्कल के फायरिंग के मामले में दबिश दी थी. इस मामले में यह सामने आ रहा है कि घटनाक्रम के समय प्रीतम गोस्वामी के साथ आरडीएक्स भी बोरखेड़ा थाना इलाके के मकान में ही मौजूद था. प्रीतम गोस्वामी के पैर में फैक्चर पहले हुआ था और रॉड पड़ी हुई थी, इसके चलते वह भाग पाने में असमर्थ था. वहीं, मौके का फायदा उठाकर आरडीएक्स मौके से फरार हो गया था. अंदर से दरवाजा लगा होने के चलते पुलिस प्रवेश नहीं कर पाई. इससे डर कर ही प्रीतम गोस्वामी ने फायर कर लिया, जिसके चलते ही उसकी मौत हुई है.
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इस लिए चूक गए थे परिजन : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी का यह भी कहना है कि जिस घर में यह घटनाक्रम हुआ था, वहां पर आरडीएक्स के भी दस्तावेज मिले थे. इसके अलावा वाहन की चाबी भी वहां पर मिली, जो आरडीएक्स की बाइक थी और वह बाहर खड़ी थी. दूसरी तरफ गोली लगने से चेहरे की पहचान नहीं हो पाई. घटनाक्रम के बाद परिजन भी बदहवास अवस्था में थे, इसलिए पहचानने में उनसे चूक हुई. उसके परिजनों ने शरीर की स्थिति को देखते हुए पहले पहचान लिया था और बताया था कि वह आरडीएक्स ही है.
पिता बोले- नहीं आता था घर : राजेंद्र गोस्वामी का कहना है कि वह मूल रूप से केशोरायपाटन बूंदी के एक गांव के निवासी हैं. लंबे समय से वह कोटा में ही रह रहे हैं. वर्तमान में विनोबा भावे नगर में रहते हैं. उनका कहना है कि प्रीतम भी इस तरह की घटना नहीं कर सकता है. हालांकि, वे स्वीकार कर रहे हैं कि प्रीतम के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. वह उनके घर भी लगभग कम ही आता जाता था. प्रीतम उनकी गैर मौजूदगी में घर पर आया था, लेकिन दो से तीन मिनट ही रुका था. इसके पहले भी वह 2 महीने पहले आया था. उनका यह भी कहना है कि इस घटनाक्रम के बारे में आज सुबह पुलिस ने ही उन्हें सूचना दी है.
आरडीएक्स के नाम से ही करवा दिया था पोस्टमार्टम : पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम आरडीएक्स के नाम से ही करवा दिया गया था. यह पोस्टमार्टम भी मेडिकल बोर्ड से किया गया था. इस संबंध में अब आरडीएक्स के परिजनों ने उसका शव नहीं होने से इनकार कर दिया. इसके बाद अब दोबारा कार्रवाई पुलिस को करनी पड़ रही है. प्रीतम के पिता राजेंद्र की तहरीर पर दोबारा कागजात बनाए जा रहे हैं. आरडीएक्स से भाई मनीष का कहना है कि उनसे पहचान में गलती हो गई थी. दोनों की शक्ल एक जैसी है. कद और काठी भी एक थी. हमने सुबह देखा तो शव पर टैटू था, जबकि आरडीएक्स के टैटू नहीं था. यह प्रीतम ने बनाया हुआ था.
पुलिस के एक्सपर्ट लोगों का यह भी कहना है कि जब दो व्यक्तियों के डॉक्यूमेंट मौके पर मिले थे. तब दोनों के परिजनों से पड़ताल करनी चाहिए थी, यह चूक प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने की है. एडिशनल एसपी दिलीप सैनी का कहना है कि आरडीएक्स और प्रीतम दोनों की कद काठी एक जैसी थी. परिजनों ने पहले आरडीएक्स के रूप में उसकी पहचान कर ली थी, इसीलिए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया करवाई गई थी.