रायपुर: नए साल पर छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. यह बदलाव सड़क और पुल निर्माण से जुड़े दर को लेकर होने जा रहा है. राज्य में सरकार ने साल 2015 से जारी पुराने एसओआर को बदलने का काम किया है. इस बदलाव से प्रदेश में ठेकेदारों के वित्तीय जोखिम में कमी आएगी और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार होने की संभवना होगी. 1 जनवरी 2025 से नया एसओआर प्रभावी होगा. निर्माण क्षेत्र में एसओआर का मतलब होता है Schedule Of Rates.
सड़कों की गुणवत्ता में होगा सुधार: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने सड़क और पुल निर्माण से जुड़ी Schedule Of Rates नवीन दर अनुसूची का विमोचन किया है. इस नए एसओआर में नई मशीनरी और निर्माण की नई तकनीक को शामिल किया गया है. इससे क्वॉलिटी ऑफ वर्क में सुधार होगा. छत्तीसगढ़ में प्रदर्शन आधारित सुधार कार्य और (Peformance Based Maintenance Contract/Output and Performance Based Maintenance Contract) (पीबीएमसी ओपीआरएमसी) प्रदर्शन आधारित उत्पादन और मेंटनेंस वर्क में सुधार होगा.
समय के साथ एसओआर में बदलाव की जरूरत: डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एसओआर का बदलाव बीते 10 सालों से नहीं हुआ था. दस सालों में कई बदलाव हुए थे. ऐसे में मजदूरों की भुगतान की दर, सामग्री की दर एवं मशीनरी के रेट में बदलाव हुआ है. इसलिए इसे बदलना जरूरी था. क्योंकि दस साल में कई चीजें बदल गई है. कॉस्ट ऑफ कंस्ट्रक्शन में भी बदलाव हुआ है. इसी आधार पर नए एसओआर को तैयार किया गया है.
निर्माण में कई नई तकनीकें आई: डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि निर्माण कार्य में कई नई चीजें आई है. पुराने एसओआर में सभी करों का समावेश था. नए एसओआर में जीएसटी को शामिल किया गया है. अब ठेकेदारों को छत्तीसगढ़ में अपने टेंडर को जीएसटी के साथ भरना होगा. इससे ठेकेदारों को अलग से जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा. कार्य की लागत में जी.एस. टी. का प्रभाव सम्मिलित रहेगा. इससे ठेकेदारों के जोखिम में कमी आएगी.
बीते दस साल से छत्तीसगढ़ के एसओआर में बदलाव नहीं हुआ था. नई तकनीक का इस्तेमाल निर्माण कार्य में करने के लिए यह बदलाव किा गया है. इसमें नए मटेरियल एवं आईआरसी के अन्य कार्यों और कार्यविधी में भी परिवर्तन किया गया है. इसमें सीमेंट एवं केमिकल से स्वाइल स्टेबलाईजेशन, पेव्हमेंट व्हाइट टॉपिंग, रोड साइनेज में एल्युमिनियम कम्पोजिट मटेरियल के उपयोग जैसी चीजें शामिल है. इसके अलावा प्री-स्ट्रेसिंग, बम्बू क्रैश बैरियर और नॉइज बैरियर जैसे तत्वों को भी शामिल किया गया है- अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
ठेकेदारों पर जुर्माने का प्रावधान: सड़क और राजमार्ग की तरफ से सड़क निर्माण की नीति में बदलाव किया गया है. अब पीबीएमसी और ओपीआरएमसी पद्धिति के जरिए निगरानी रखी जा रही है. इसके तहत ही सड़कों की रख रखाव और सड़कों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. पांच से सात साल तक सड़कों के रख रखाव और संधारण के लिए एजेंसी का निर्धारण होता है. सड़क खराब होने पर भी निर्धारित समय सीमा में भी सड़क का सुधार कार्य किया जाता है. सड़कों की मरम्मत और संधारण का कार्य ठेकेदार को समय सीमा में करना होता है. अगर ठेकेदार समय से काम नहीं करते हैं तो उनके ऊपर जुर्माने का भी प्रावधान है.