अजमेर: साढ़े तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 2 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. आरोपी पीड़िता का पड़ोसी है और पीड़िता उसे चाचू कहा करती थी. मासूम बच्ची अक्सर पड़ोसी के घर खेलने जाया करती थी. गेम के बहाने पड़ोसी चाचू ने इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए मासूम बालिका के साथ दुराचार किया.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि मासूम बच्ची के पिता ने 8 नवंबर, 2023 को ब्यावर के साकेत नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस ने अगले ही दिन 9 नवंबर, 2023 को आरोपी पड़ोसी को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि पीड़िता के परिवार और आरोपी पड़ोसी के परिवार के बीच विश्वास का रिश्ता था. उन्होंने बताया कि 5 नवम्बर को मासूम बालिका के साथ हुई घटना के बाद वह रोते हुए घर पंहुची और उसने पड़ोसी की हरकत के बारे में माता-पिता को बता दिया. पड़ोसी ने शिकायत पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी.
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कोर्ट को इशारों से बताई घटना: उन्होंने बताया कि मासूम बच्ची के साथ हुई घटना के बाद उसके पिता ने 30 वर्षीय आरोपी पड़ोसी के खिलाफ ब्यावर के साकेत नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. परिहार ने बताया कि पीड़िता के कोर्ट में धारा 161 और 164 के तहत बयान हुए. पीड़ित मासूम बालिका ने कोर्ट में इशारों में उसके साथ घटित वारदात के बारे में बताया और बयान लेखबद्ध किए. पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि गेम के बहाने कैसे आरोपी ने उसके साथ दुराचार किया.
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पीड़िता को 6 लाख रुपए देने के आदेश: परिहार ने बताया कि प्रकरण में कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 8 गवाह और 14 दस्तावेज पेश किए गए. इस आधार पर पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोड संख्या एक में न्यायाधीश राजीव कुमार ने आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी को 2 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. साथ ही कोर्ट ने पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 6 लाख रुपए देने के आदेश दिए हैं.
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कोर्ट का यह है मत: उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि साढ़े तीन वर्षीय नाबालिग बालिका जो हमेशा की तरह पड़ोसी के घर खेलने के लिए गई. पड़ोसी पर उसे अटूट विश्वास था और पड़ोसी ने पड़ोसी धर्म छोड़कर अबोध बालिका के साथ दुराचार किया. ऐसी घटनाओं से नाबालिग बालिका के मन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ऐसे में आरोपी के साथ किसी भी तरह से नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता और उसे सजा देना आवश्यक है.