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ये क्या, नीट पेपर लीक का नालंदा कनेक्शन निकला झूठा! लोग बोले- 'मेरे गांव में इस नाम का कोई शख्स नहीं' - NEET PAPER LEAK

Paper Leak Nalanda Conection: नीट पेपर लीक मामले में नालंदा कनेक्शन सामने आने के बाद लोगों ने बड़ा खुलासा किया है. ईओयू ने आरोपी को जिस गांव का निवासी बताया है वह वहां रहता ही नहीं है. इसकी पुष्टि गांव के स्थानीय निवासी ने की है. उन्होंने कहा कि मेरे गांव में इस नाम का शख्स कोई नहीं रहता है और ना ही कभी था. लोगों ने बताया कि उनके गांव को बदनाम किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

नीट पेपर लीक का नालंदा कनेक्शन
नीट पेपर लीक का नालंदा कनेक्शन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 23, 2024, 1:05 PM IST

नीट पेपर लीक का नालंदा कनेक्शन पर लोगों की राय (ETV Bharat)

नालंदाः नीट पेपर लीक मामले में ईओयू लगातार नए-नए खुलासा कर रहा है. इसमें मुजफ्फरपुर, नालंदा, समस्तीपुर, पटना सहित कई जिलों से इसके ताड़ जुड़े होने का मामला सामने आते रहा है. ईओयू की ओर से जांच तेज कर दी गयी है. इसी बीच ईओयू से इतर लोगों ने नया खुलासा किया है जो चौकाने वाला हैं.

नीट पेपर लीक नालंदा कनेक्शनः दरअसल, ईओयू ने नीट पेपर लीक का नालंदा कनेक्शन बताया है. ईओयू ने जिले के नगरनौसा प्रखंड के भुताखाड़ का पूर्व मुखिया संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया और एकंगरसराय थाना क्षेत्र के हरिपुर गांव निवासी अवधेश प्रसाद का 35 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार के नाम की पुष्टि की है. पुलिस के मुताबिक दोनों फरार चल रहे हैं. इसमें नालंदा के हरिपुर निवासी रौशन कुमार को लेकर लोगों ने नए खुलासे किए हैं जो पुलिस की कार्रवाई को झूठा करार दे रहे हैं.

रौशन कुमार का कोई नहींः रविवार को जब ईटीवी भारत की टीम एकंगरसराय के हरिपुर गांव पहुंची. वहां के स्थानीय लोगों से रौशन कुमार के बारे में जानना चाहा तो हैरान करने वाली बात कही. स्थानीय राहुल कुमार सिंह ने बताया कि पहले यह गांव एकंगरसराय थाना क्षेत्र में पड़ता था अब यह गांव परिसीमन के बाद परबलपुर थाना क्षेत्र में पड़ता है. इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके गांव में रौशन कुमार का कोई व्यक्ति नहीं है. यह गांव को बदनाम करने की साजिश हो रही है.

"इस गांव में एक भी व्यक्ति रौशन कुमार नाम का नहीं है और ना कभी था. गांव को बदनाम करने की साजिश चल रही है. पुलिस झूठ बोल रही है और ना ही अभी तक कोई छापेमारी करने के लिए आयी है." -राहुल कुमार, हरिपुर गांव निवासी

छात्रों का भविष्य अंधकारमयः स्थानीय लोगों ने बताया कि किसी भी परीक्षा का पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिए सरकार दोषी है. इससे मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. BPSC की तैयारी कर रहे छात्र रोहित सिंह का कहना है कि ऐसे लोगों के लिए कड़े कानून बनाया जाए ताकि दुबारा इस तरह की गलती करने से पहले सोचें.

आरोपी पर हो सख्त कार्रवाईः गांव के यशवंत कुमार मुख्य रूप से किसानी करते हैं. बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाते हैं. पेपर लीक को लेकर कहा कि पढ़ाई करने वाले छात्र परीक्षा में मेहनत कर असफल होने से आहत होकर खुदकुशी कर लेते हैं. हाल के दिनों में छात्रों के खुदकुशी का मामला ज़्यादा बढ़ गया है. जो आए दिन देखने व सुनने को मिलता है. सरकार से अनुरोध करेंगे कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. बच्चों के भविष्य को अंधकार में डूबने से बचाया जाए.

क्या है मामलाः 5 मई को देशभर में नीट यूजी 2024 की परीक्षा आयोजित हुई थी. इसी दौरान पेपर लीक होने का मामला सामने आया था. इस मामले में बिहार, राजस्थान, झारखंड सहित कई राज्यों के अलग-अलग हिस्सों से आरोपी की गिरफ्तारी की गई. बिहार से भी कई आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी. जांच का जिम्मा ईओयू को दिया गया जिसमें 13 को आरोपी बनाया गया. 4 आरोपी को गिरफ्तार किया गया जिसमें कई नामों के खुलासे हुए.

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नीट पेपर लीक नालंदा कनेक्शनः दरअसल, ईओयू ने नीट पेपर लीक का नालंदा कनेक्शन बताया है. ईओयू ने जिले के नगरनौसा प्रखंड के भुताखाड़ का पूर्व मुखिया संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया और एकंगरसराय थाना क्षेत्र के हरिपुर गांव निवासी अवधेश प्रसाद का 35 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार के नाम की पुष्टि की है. पुलिस के मुताबिक दोनों फरार चल रहे हैं. इसमें नालंदा के हरिपुर निवासी रौशन कुमार को लेकर लोगों ने नए खुलासे किए हैं जो पुलिस की कार्रवाई को झूठा करार दे रहे हैं.

रौशन कुमार का कोई नहींः रविवार को जब ईटीवी भारत की टीम एकंगरसराय के हरिपुर गांव पहुंची. वहां के स्थानीय लोगों से रौशन कुमार के बारे में जानना चाहा तो हैरान करने वाली बात कही. स्थानीय राहुल कुमार सिंह ने बताया कि पहले यह गांव एकंगरसराय थाना क्षेत्र में पड़ता था अब यह गांव परिसीमन के बाद परबलपुर थाना क्षेत्र में पड़ता है. इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके गांव में रौशन कुमार का कोई व्यक्ति नहीं है. यह गांव को बदनाम करने की साजिश हो रही है.

"इस गांव में एक भी व्यक्ति रौशन कुमार नाम का नहीं है और ना कभी था. गांव को बदनाम करने की साजिश चल रही है. पुलिस झूठ बोल रही है और ना ही अभी तक कोई छापेमारी करने के लिए आयी है." -राहुल कुमार, हरिपुर गांव निवासी

छात्रों का भविष्य अंधकारमयः स्थानीय लोगों ने बताया कि किसी भी परीक्षा का पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिए सरकार दोषी है. इससे मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. BPSC की तैयारी कर रहे छात्र रोहित सिंह का कहना है कि ऐसे लोगों के लिए कड़े कानून बनाया जाए ताकि दुबारा इस तरह की गलती करने से पहले सोचें.

आरोपी पर हो सख्त कार्रवाईः गांव के यशवंत कुमार मुख्य रूप से किसानी करते हैं. बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाते हैं. पेपर लीक को लेकर कहा कि पढ़ाई करने वाले छात्र परीक्षा में मेहनत कर असफल होने से आहत होकर खुदकुशी कर लेते हैं. हाल के दिनों में छात्रों के खुदकुशी का मामला ज़्यादा बढ़ गया है. जो आए दिन देखने व सुनने को मिलता है. सरकार से अनुरोध करेंगे कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. बच्चों के भविष्य को अंधकार में डूबने से बचाया जाए.

क्या है मामलाः 5 मई को देशभर में नीट यूजी 2024 की परीक्षा आयोजित हुई थी. इसी दौरान पेपर लीक होने का मामला सामने आया था. इस मामले में बिहार, राजस्थान, झारखंड सहित कई राज्यों के अलग-अलग हिस्सों से आरोपी की गिरफ्तारी की गई. बिहार से भी कई आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी. जांच का जिम्मा ईओयू को दिया गया जिसमें 13 को आरोपी बनाया गया. 4 आरोपी को गिरफ्तार किया गया जिसमें कई नामों के खुलासे हुए.

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