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वायु सेना के बाद अब वनाग्नि को रोकने के मैदान में उतरी NDRF, लेकिन बारिश ने दी राहत - Uttarakhand Forest Fire

NDRF Team Reached In Pauri उत्तराखंड में बारिश होने से जंगल में आग लगने की घटनाओं में कमी देखने को मिली है. वहीं पौड़ी में एनडीआरएफ की पहुंच चुकी है, यदि जंगलों में आग लगती है तो 50 सदस्यीय टीम आग पर काबू पाने की कोशिश करेगी.

Fire broke out in the forests of Pauri
पौड़ी के जंगलों में लगी आग (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 10, 2024, 12:04 PM IST

Updated : May 10, 2024, 2:17 PM IST

श्रीनगर: वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अब एनडीआरएफ की पौड़ी जिले में पहुंची है एनडीआरएफ टीम में कमांडेंट ऑफिसर समेत कुल 50 सदस्य मौजूद हैं, जो वनाग्नि पर काबू पाएगी. हालांकि बीते रोज हुई बारिश के बाद वनाग्नि की घटनाओं पर फिलहाल ब्रेक लगा है. गुरुवार को पौडी श्रीनगर और उसके आसपास एक भी वनाग्नि की घटना दर्ज नहीं कि गयी है. लेकिन आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने पर एक बार फिर वनाग्नि की घटनाएं बढ़ सकती हैं. ऐसे में एनडीआरएफ टीम जंगलों में उतरकर वनाग्नि पर काबू पाएगी. नैनीताल के बाद एनडीआरएफ टीम के पौड़ी पहुंचने पर वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

एनडीआरएफ के पहुंचने के बाद मैन पावर की कमी से जूझ रहे वन विभाग को काफी हद तक अब वनाग्नि को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. बुधवार के दिन वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर ने वनाग्नि पर काबू पाने के वापस चला गया था. वहीं अब आने वाले दिनों में एनडीआरएफ वनाग्नि की घटना बढ़ने पर मोर्चा संभालेगी. पौडी जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि बीते दिन बारिश से मौसम में नमी आई है, जिसके चलते अभी तक कोई भी वनाग्नि की घटना नहीं हुई है.

लेकिन फिर भी गर्मी बढ़ने के कारण हो सकता है कि वनाग्नि की घटना हो, इसके लिए वन विभाग और जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ को मोर्चे पर उतारा है. इससे वन विभाग को बहुत मद्दद मिलेगी.वहीं वन विभाग द्वारा जारी किए गए आकड़ों में 9 मई से पूर्व 24 घंटे में पूरे गढवाल मंडल में 17 वनाग्नि कई घटनाएं दर्ज की गई है. जिसमें 37 हेक्टेयर वन संपदा जल कर खाक हो गयी. जबकि इस पूरे फायर सीजन में अब तक मंडल में 400 वनाग्नि की घटनाएं घटी है, जिसमें अब तक 507 हेक्टेयर वन संपदा जल कर राख हो चुकी है.

पढ़ें-फॉरेस्ट फायर कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है ये खास बैकपैक, जानिए खासियत

श्रीनगर: वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अब एनडीआरएफ की पौड़ी जिले में पहुंची है एनडीआरएफ टीम में कमांडेंट ऑफिसर समेत कुल 50 सदस्य मौजूद हैं, जो वनाग्नि पर काबू पाएगी. हालांकि बीते रोज हुई बारिश के बाद वनाग्नि की घटनाओं पर फिलहाल ब्रेक लगा है. गुरुवार को पौडी श्रीनगर और उसके आसपास एक भी वनाग्नि की घटना दर्ज नहीं कि गयी है. लेकिन आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने पर एक बार फिर वनाग्नि की घटनाएं बढ़ सकती हैं. ऐसे में एनडीआरएफ टीम जंगलों में उतरकर वनाग्नि पर काबू पाएगी. नैनीताल के बाद एनडीआरएफ टीम के पौड़ी पहुंचने पर वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

एनडीआरएफ के पहुंचने के बाद मैन पावर की कमी से जूझ रहे वन विभाग को काफी हद तक अब वनाग्नि को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. बुधवार के दिन वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर ने वनाग्नि पर काबू पाने के वापस चला गया था. वहीं अब आने वाले दिनों में एनडीआरएफ वनाग्नि की घटना बढ़ने पर मोर्चा संभालेगी. पौडी जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि बीते दिन बारिश से मौसम में नमी आई है, जिसके चलते अभी तक कोई भी वनाग्नि की घटना नहीं हुई है.

लेकिन फिर भी गर्मी बढ़ने के कारण हो सकता है कि वनाग्नि की घटना हो, इसके लिए वन विभाग और जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ को मोर्चे पर उतारा है. इससे वन विभाग को बहुत मद्दद मिलेगी.वहीं वन विभाग द्वारा जारी किए गए आकड़ों में 9 मई से पूर्व 24 घंटे में पूरे गढवाल मंडल में 17 वनाग्नि कई घटनाएं दर्ज की गई है. जिसमें 37 हेक्टेयर वन संपदा जल कर खाक हो गयी. जबकि इस पूरे फायर सीजन में अब तक मंडल में 400 वनाग्नि की घटनाएं घटी है, जिसमें अब तक 507 हेक्टेयर वन संपदा जल कर राख हो चुकी है.

पढ़ें-फॉरेस्ट फायर कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है ये खास बैकपैक, जानिए खासियत

Last Updated : May 10, 2024, 2:17 PM IST
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