बीजापुर: उसूर थाना क्षेत्र में माओवाद विरोधी अभियान के लिए निकले केंद्रीय बल की 196वीं बटालियन के जवानों ने 20 से 22 किलो का IED रिकवर किया. ये आईईडी नीले रंग के प्लास्टिक ड्रम में रखा हुआ था. सुबह करीब साढ़े सात बजे जवानों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का पता लगाया. सोमवार दोपहर को हुए घातक नक्सली ब्लास्ट से पहले जवानों को ये कामयाबी मिली.
20 किलो का IED रिकवर कर नष्ट किया: सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने IED रिकवर कर उसे नष्ट करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा एक बड़ी त्रासदी टल गई, क्योंकि आईईडी का पता लगा लिया गया और उसे नष्ट किया गया.
जेसीबी से निकाला IED: अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों ने कच्ची सड़क के नीचे से आईईडी बरामद करने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया. आईईडी का वजन करीब 20-22 किलोग्राम था. इसे बल के बम निरोधक दस्ते ने कुछ घंटों में निष्क्रिय कर दिया और इलाके में यातायात बहाल कर दिया.
बीजापुर नक्सली हमले में 8 जवान शहीद: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों पर दो साल में सबसे घातक हमला करते हुए नक्सलियों ने सोमवार दोपहर करीब 2.15 बजे कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास 60-70 किलोग्राम के शक्तिशाली आईईडी का इस्तेमाल कर जवानों से भरी गाड़ी को उड़ा दिया. पुलिस को शक है कि ये IED काफी समय पहले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाकर प्लांट किया गया था. इस ब्लास्ट में डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गया. ड्राइवर की भी मौत हुई.
(एजेंसी इनपुट के साथ)