धमतरी: नक्सलियों के डिप्टी कमांडर अजय ने धमतरी एसपी आंजनेय वार्ष्णेय के सामने सरेंडर कर दिया. आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली अजय सीतानदी दलम का सदस्य भी रह चुका है. लंबे वक्त से अजय नक्सल गतिविधियों में शामिल रहा है. पुलिस के मुताबिक ''डिप्टी कमांडर अजय दस सालों से नक्सली संगठन के लिए काम कर चुका है. सरेंडर करने वाला नक्सली जंगल में आईईडी लगाने का एक्सपर्ट है. जवानों के साथ हुए कई एनकाउंटर में वो शामिल रह चुका है''.
पांच लाख के इनामी नक्सली अजय ने किया सरेंडर: पुलिस ने डिप्टी कमांडर अजय की गिरफ्तारी पर पांच लाख का इनाम रखा था. छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी ने सरेंडर किया. बस्तर सहित धमतरी के नक्सल प्रभावित इलाकों में एंटी नक्सल अभियान चलाया जा रहा है. धमतरी पुलिस ने बताया कि ''नक्सलियों की खोखली विचारधारा और भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा और प्रताड़ना से परेशान होकर सरेंडर करने का फैसला किया''.
''छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास और आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर नक्सली ने सरेंडर किया. पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज अमरेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के दौरान सीतानदी एरिया कमेटी का सदस्य और रावस समन्वय का डिप्टी कमांडर अजय ने आत्मसमर्पण किया. सरेंडर करने वाला नक्सली अपने पास हमेशा रायफल रखता था. इसके ऊपर पांच लाख का इनाम भी घोषित था''. - आंजनेय वार्ष्णेय, एसपी धमतरी
सरेंडर करने वाले नक्सली पर हैं गंभीर आरोप
- साल 2017: थाना खल्लारी ग्राम जोगीबिरदो के 1 ग्रामीण की हत्या में शामिल का आरोप.
- साल 2018: थाना बोरई ग्राम कारीपानी मुख्य मार्ग में पेड़ काटकर सड़क जाम किया, दहशत फैलाई.
- साल 2018 थाना खल्लारी ग्राम एकावारी में रोड किनारे पांच किलो का बम प्लांट करने का आरोपी है.
- साल 2020 थाना नगरी ग्राम घोरागांव पुलिस-नक्सली मुठभेड़ जिससे गोबरा एलओएस. कमांडर रवि मारा गया उस मुठभेड़ मेंं शामिल होने का आरोप.
- साल 2020 थाना मेचका ग्राम उजरावन के एक ग्रामीण की हत्या में शामिल होने का आरोप.
- साल 2021 भाना खल्लारी ग्राम गादुल बाहरा में एक ग्रामीण की हत्या में शामिल होने का शक.
- साल 2021 थाना खल्लारी ग्राम आमझर के 1 ग्रामीण की हत्या में शामिल होने का आरोप.
रंग ला रही है सरकार की पुनर्वास नीति: धमतरी एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि ''सरेंडर करने वाले नक्सली ने संविधान पर भरोसा जताया है. नक्सली अजय को सरकार को पुनर्वास नीति भी पंसद आई है''. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली ने नक्सली नेताओं पर भेदभाव पूर्ण व्यवहार का आरोप भी गया है. नक्सली अजय के मुताबिक ''माओवादी संगठन के लोग मजबूर आदिवासियों पर अत्याचार कर रहे हैं. आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार से परेशान होकर उसने सरेंडर करने का मन बनाया''.