भागलपुर: नवगछिया व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सुशांत रंजन ने चर्चित राजधर यादव हत्याकांड में फैसला सुनाया है. कुख्यात आरोपित छोटू यादव और उसके पिता रामरती यादव को आजीवन करावास की सजा सुनाई है. 4 अप्रैल वर्ष 2020 का ये मामला है. जब इन अपराधियों ने लत्तरा के राजधर यादव की सुबह पांच बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक की पत्नी रिंका देवी के बयान के आधार पर गोपालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
राजधर यादव को गोलियों से किया थी छलनी: प्रभारी अपर लोक अभियोजक परमानंद साह ने जानकारी देते हुए कहा कि मृतक की पत्नी रिंका देवी ने पुलिस को बताया कि वर्चस्व स्थापित करने के लिए गांव के ही पुरुषोत्तम उर्फ छोटू यादव, रौशन यादव, सिंटू यादव, नवीन यादव, रामरती यादव, राहुल यादव और रवि कुमार तीन बाइक से आए. आने के बाद उसके पति से गाली-गलौज शुरू कर दी, फिर पति पर गोली चला दी. पति के भागने के दौरान उनकी पीठ में गोली लग गयी. फिर भी वह भागकर लड्डु यादव के घर में छिप गए. आरोपितों ने उस घर के दरवाजे को तोड़ कर मेरे पति को गोलियों से छलनी कर दिया. जिस वजह से घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई.
हत्याकांड में 10 गवाहों ने दी थी गवाही: न्यायालय में सुनवाई के दौरान 10 लोगोंं ने गवाही दी. सभी गवाह ने अभियोजन पक्ष का समर्थन किया. न्यायालय ने मामले की सुनाई करते हुए आरोपित पुरुषोत्तम यादव उर्फ छोटू यादव, उसके पिता रामरती यादव के विरुद्ध सजा सुनाई. सजा आईपीसी की धारा 302, 149, 120, और 34 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
"पुरूषोत्तम कुमार उर्फ छोटू यादव और उसके पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वहीं, 27 आर्म्स एक्ट में दो वर्ष की सजा दो हजार रूपये जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतीनी होगी. सभी सजाए साथ साथ चलेगी. सरकार की ओर प्रभारी अपर लोक अभियोजक परमानंद साह ने बहस में हिस्सा लिया."- परमानंद साह, प्रभारी अपर लोक अभियोजक, नवगछिया व्यवहार न्यायालय
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