जयपुर: देशभर में 15वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर जयपुर आरआईसी में राज्यस्तरीय समारोह समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अपने संबोधन में दोहरे नाम वाले मतदाताओं को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि ऐसे मतदाताओं को 15 या 1 महीने की मोहलत के साथ एक स्थान पर ही मतदाता सूची में नाम रखने का आग्रह किया जाए. फिर भी वो नाम नहीं हटाएं, तो उनके नाम काटे जाएं. कार्यक्रम में राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने आधुनिकता के इस दौर में चुनाव को लेकर होने वाले खर्च और डिजिटल मतदान की व्यवस्था नहीं होने का मुद्दा उठाया.
दोहरे मतदाताओं के नाम काटे जाएं: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि एक-डेढ़ साल पहले विधानसभा, लोकसभा चुनाव में 75 फीसदी मतदान हुआ. 25 फीसदी मतदाताओं ने मतदान नहीं किया. जो वोटिंग नहीं हुई, तो वह पलायन और डबल वोटिंग के कारण. उन्होंने कहा कि डबल नाम हटाने के लिए फॉर्म भरना पड़ता है, लेकिन मतदाता फॉर्म नहीं भरते और कई लोग 2-3 जगह मतदाता सूची में नाम लिखा देते हैं. कुछ समान नाम में भी संशोधन करके दो जगह नाम रखते हैं. राज्यपाल ने कहा कि ऐसे में दोहरी प्रविष्टि वाले व्यक्ति का अब 15 दिन या 1 माह का समय देकर और चेतावनी देकर एक जगह से नाम हटा देना चाहिए.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने कहा कि निर्वाचन विभाग ने खासे नवाचार किए हैं, जिनमें आज सम्मानित हुए जिला निर्वाचन अधिकारियों और अन्य अधिकारियों की भूमिका है. उन्होंने कहा कि प्रयासों के चलते जो लोकसभा चुनाव में जेंडर रेशो 923 था, वह अब 932 हो गया. इसी तरह ईपी रेशो 650 से बढ़कर 663 हुआ. सीईओ ने कहा कि डबल नामों को पहले भी राजस्थान में पूरी प्रक्रिया से बेहतर ढंग से हटाया है और आगे भी इसे लेकर काम किया जाएगा.
राज्यपाल को भी दूसरे राज्य वोट करने जाना पड़ा: राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि 1952 से 1970 तक प्रति मतदाता खर्च एक रुपया था. 2019 में यह 700 रुपए प्रति वोटर हो गया. ऐसे में चुनाव में खर्चा कम करने को लेकर नवाचार करने होंगे. उन्होंने कहा कि इंटरनेट के इस जमाने में हमारे पूर्व राज्यपाल को भी अपना एक वोट डालने यूपी जाना पड़ा था, तो ऐसे में हमें खर्च कम करने के उपाय करने होंगे.
गुप्ता ने कहा कि जब हम मोबाइल से पैसे का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, तो वोट क्यों नहीं कर सकते. दूसरी ओर एक देश में 10 दिन इंटरनेट वोटिंग मान्य है, लेकिन उसका अंतिम समय का दर्ज वोट मान्य करने का नियम है. फिलीपींस में प्रवासियों की वोटिंग के लिए विदेश में भी पोलिंग स्टेशन बनाए हैं, तो ऐसे में हमें नए समय के हिसाब से नवाचार करने होंगे. उन्होंने कहा कि वोटिंग मतदाता का विशेष फर्ज है. इसके लिए आह्वान की जरूरत नहीं होनी चाहिए. गुप्ता ने आधुनिकता के इस दौर में चुनाव प्रक्रिया खास तौर पर ऑनलाइन मतदान की प्रक्रिया को लेकर भी काम करने की जरूरत है.
इनका हुआ सम्मान: इस मौके पर मतदाता जागरुकता प्रदर्शनी का राज्यपाल ने उद्घाटन करके अवलोकन किया. वहीं वोटिंग बढ़ाने और चुनाव प्रक्रिया के बेहतर संचालन के लिए करौली कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी नीलाभ सक्सेना, बाड़मेर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी टीना डाबी, बारां कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर, बूंदी कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय गोदारा और दौसा कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी देवेंद्र कुमार को सम्मानित किया गया. गंगानगर की उपजिला निर्वाचन अधिकारी रीना सहित 10 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2 सुपरवाइजर, 10 बूथ लेवल अधिकारी, एक पुलिस उप निरीक्षक और निर्वाचन विभाग के 2 कर्मी भी समारोह में सम्मानित किए गए.