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अब ऐप से होगा आपकी शारीरिक प्रकृति का परीक्षण, जानिए ये क्यों जरूरी है आपके लिए - AYURVEDIC TREATMENT

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने 'प्रकृति परीक्षण' से लोगों को स्वास्थ्य की जानकारी दी. आयुष मंत्रालय के अभियान के तहत यह परीक्षण करवाया जा रहा है.

देश का प्रकृति परीक्षण अभियान
देश का प्रकृति परीक्षण अभियान (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 6:32 AM IST

जयपुर : शहर में स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब प्रकृति परीक्षण के जरिए लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दे रहा है. आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के "देश का प्रकृति परीक्षण" अभियान के तहत पूरे देश में आम लोगों का प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है. इस अभियान में जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने सबसे अधिक लोगों का प्रकृति परीक्षण करके देशभर में पहला स्थान हासिल किया है. नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सकों ने 2,38,609 नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया. यह आंकड़ा देशभर के अन्य संस्थानों से सबसे ज्यादा है.

क्या है प्रकृति परीक्षण ? : राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया कि प्रकृति परीक्षण के जरिए व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती है. हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति अलग होती है और अगर शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन ठीक नहीं रहता, तो यह बीमारियों का कारण बन सकता है.

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- अनियमित जीवनशैली और खानपान से रक्त संचार में बाधा, आयुर्वेद के इन उपायों से दूर होता है नसों का ब्लॉकेज

उन्होंने बताया कि जयपुर का राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब एक ऐप के जरिए प्रकृति परीक्षण कर रहा है. इसमें व्यक्ति को आयुर्वेदिक डॉक्टर को अपने शरीर से जुड़े 22 सवालों के जवाब देने होते हैं. इन जवाबों के आधार पर पता चलता है कि व्यक्ति की प्रकृति वात, पित्त या कफ में से किस श्रेणी में आती है. इसके बाद उस व्यक्ति को उसकी प्रकृति के अनुसार खानपान और इलाज के बारे में सलाह दी जाती है. इसके साथ ही क्यूआर कोड के जरिए व्यक्ति को उसका प्रकृति प्रमाणपत्र भी दिया जाता है, जिसे वह आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर को दिखा सकता है. इससे इलाज में डॉक्टर को मदद मिलती है.

प्रकृति परीक्षण का महत्व : प्रोफेसर संजीव शर्मा का कहना है कि प्रकृति परीक्षण हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है, यदि आप स्वस्थ हैं, तब भी आपको यह परीक्षण करवाना चाहिए, ताकि शरीर में होने वाली किसी भी बीमारी के बारे में पहले से जानकारी मिल सके. इस परीक्षण से व्यक्ति अपनी शारीरिक प्रकृति के अनुसार बेहतर जीवनशैली अपना सकता है. साथ ही भविष्य में होने वाली बीमारियों से बच सकता है.

जयपुर : शहर में स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब प्रकृति परीक्षण के जरिए लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दे रहा है. आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के "देश का प्रकृति परीक्षण" अभियान के तहत पूरे देश में आम लोगों का प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है. इस अभियान में जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने सबसे अधिक लोगों का प्रकृति परीक्षण करके देशभर में पहला स्थान हासिल किया है. नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सकों ने 2,38,609 नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया. यह आंकड़ा देशभर के अन्य संस्थानों से सबसे ज्यादा है.

क्या है प्रकृति परीक्षण ? : राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया कि प्रकृति परीक्षण के जरिए व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती है. हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति अलग होती है और अगर शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन ठीक नहीं रहता, तो यह बीमारियों का कारण बन सकता है.

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा (ETV Bharat Jaipur)

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उन्होंने बताया कि जयपुर का राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब एक ऐप के जरिए प्रकृति परीक्षण कर रहा है. इसमें व्यक्ति को आयुर्वेदिक डॉक्टर को अपने शरीर से जुड़े 22 सवालों के जवाब देने होते हैं. इन जवाबों के आधार पर पता चलता है कि व्यक्ति की प्रकृति वात, पित्त या कफ में से किस श्रेणी में आती है. इसके बाद उस व्यक्ति को उसकी प्रकृति के अनुसार खानपान और इलाज के बारे में सलाह दी जाती है. इसके साथ ही क्यूआर कोड के जरिए व्यक्ति को उसका प्रकृति प्रमाणपत्र भी दिया जाता है, जिसे वह आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर को दिखा सकता है. इससे इलाज में डॉक्टर को मदद मिलती है.

प्रकृति परीक्षण का महत्व : प्रोफेसर संजीव शर्मा का कहना है कि प्रकृति परीक्षण हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है, यदि आप स्वस्थ हैं, तब भी आपको यह परीक्षण करवाना चाहिए, ताकि शरीर में होने वाली किसी भी बीमारी के बारे में पहले से जानकारी मिल सके. इस परीक्षण से व्यक्ति अपनी शारीरिक प्रकृति के अनुसार बेहतर जीवनशैली अपना सकता है. साथ ही भविष्य में होने वाली बीमारियों से बच सकता है.

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